सिंधिया के वीरांगना को नमन पर भड़के कांग्रेसी, समाधि को गंगाजल से धोने का प्रयास

ग्वालियर। केन्द्रीय मंत्री व सिंधिया राजघराने के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा विगत २६ दिसंबर को झांसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर नमन करने पर कांग्रेस ने आज बखेडा खडा कर दिया। कांग्रेस नेताओं ने आज इसके विरोध स्वरूप रानी की समाधि को गंगाजल से धोने की कोशिश तो की लेकिन पुलिस ने उनको रोक दिया और जबरन बल प्रयोग से बाहर कर दिया। इस दौरान वीरांगना की समाधि पर पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है, ताकि कांग्रेसी अपने मंसूबे में कामयाब न हो जाये।
केन्द्रीय उडडयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा गत २६ दिसंबर को स्वतंत्रता संग्राम की नायिका वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर नमन करने का आज कांग्रेस ने विरोध करते हुये रानी की समाधि को गंगाजल से धोने की घोषणा की। मौके पर पुलिस बल के मौजूद होने से कांग्रेस कार्यकर्ता गंगाजल तो साथ नहीं ले जा सके , लेकिन मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत सहित महिला जिला कांग्रेस की अध्यक्ष रूचि राय ठाकुर सिहत कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंच कर उन्हें नमन किया।
इससे पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत सहित अन्य महिला पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के समाधि पर पहुंचने पर पुलिस बल ने उन्हें समाधि के बाहर ही रोक लिया , जिसका कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और पुलिस पर भाजपा का पक्ष लेने का आरोप लगाया । वहीं प्रदेश प्रवक्ता ने समाधि पर लगा गेट लांघकर अपने साथ लाई माला को चढाने को कहा जिस पर पुलिस ने उन्हें रोका जिससे माला टूट गई। बाद में वह अकेले ही समाधि पर पहुंच गये और उन्होंने माला चढाई। बाद में महिला जिलाध्यक्ष ने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और पुलिस अधिकारियों से बात कराई जिसके बाद महिला पुलिस ने महिलाकार्यकर्ताओं की जांच कर उन्हें दो दो कर समाधि पर पहुंच कर नमन करने दिया। इससे पूर्व महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की।
इस अवसर पर मीडिया से चर्चा करते हुये प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने कहा कि सिंधिया परिवार के लोगों जिन्होंने रानी के साथ गददारी की जो इतिहास में दर्ज है की समाधि पर भाजपा में आने के बाद वह नमन करने गये। वह केवल अपने राजनैतिक फायदे के लिये नमन करने आये थे। कांग्रेस उसका विरोध करती है। और आज जब हम समाधि पर पहुंचे तो पुलिस ने धक्का मुक्की की और हमें रानी की समाधि पर नमन तक नहीं करने दिया। पुलिस तक ने विरोध किया हमने कहा कि क्यों नमन नहीं करने दे रहे यह तो लोकतंत्र की हत्या है तो मौके पर मौजूद पुलिस एवं प्रशासन अधिकारी बगलें झांकने लगे। वहीं समाधि से बाहर निकलने के बाद महिला जिलाध्यक्ष रूचि राय ने अपने साथ लाया गंगाजल समाधि के लिये जाने वाले जीनों पर ही छिडक दिया। और उछाल कर समाधि की तरफ भी फेंका।
ज्ञातव्य है कि १८५७ की क्रांति के समय सिंधिया राज परिवार के सदस्य झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के अंग्रेजों के साथ लडाई के समय ग्वालियर छोडकर आगरा -दिल्ली चले गये थे। उसके बाद रानी लडती हुई ग्वालियर के किले से कूदी और वीर गति को प्राप्त हुई। सिंधिया परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक रानी की समाधि पर पहुंच कर नमन किया। इसे राजनैतिक दृष्टि से देखा जा रहा है। इस मौके पर महिला कार्यकर्ताओं के अलावा जिला कांग्रेस प्रवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा भी मौजूद थे।

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