भूमाफिया और पटवारी की सांठगांठ से 10 करोड की पट्टे की जमीन का बंदरबांट, SDM न्यायालय में भी पेश कर दिए फर्जी आदेश

(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)

ग्वालियर22 मई 2023। ग्वालियर में जमीनों के फर्जीवाडे की कडी एक और मामला शामिल हो गया है इस मामले में भूमाफियाओं ने पटवारी से मिलकर किसी अन्य व्यक्ति की पट्टे की जमीन फर्जी तरीके से न केवल कागजों में अपने नाम चढवा ली, बल्कि उक्त जमीन को बेच भी दिया। एक शिकायत के माध्यम से जब असली भूस्वामी को इसके बारे में पता चला तो एसडीएम न्यायालय में मामला शुरू हुआ, यहां भी भूमाफियाओं ने हद कर दी और एसडीएम न्यायालय में ही अपने हित में एक तहसीलदार का फर्जी आदेश बनाकर पेश कर दिया, अब पीडित पक्ष ने इसकी शिकायत पुलिस में भी कर दी है।

पुलिस थाने मे की गई शिकायत

ग्वालियर के ग्राम सिरौल में रहने वाले मातादीन उर्फ मातवर सिंह पुत्र हुकुम सिंह निवासी ग्राम सिरौल के पक्ष में एक भूमि की पट्टा सर्वे क्र. 297 रकबा 7 बीघा 5 बिस्वा दिनांक 26.6.1975 को शासन द्वारा प्रदान किया गया था पट्टे की उक्त कृषि भूमि पर 18.7.1980 को मातादीन को शासन ने भूमि स्वामी के अधिकार भी शासन द्वारा प्रदान कर दिए गए थे इस तरह भूस्वामी के तौर पर वर्ष 1980-81 में मातादीन उर्फ मातवर सिंह का नाम खसरे में भी दर्ज हो गया। लेकिन वर्ष 1986-87 में अचानक ही ग्राम सिरौल में ही रहने वाले गुलजारीलाल पुत्र रामसिंह एवं मुन्नीबाई पत्नी विजय सिंह के नाम मातादीन के स्थान पर खसरे में दर्ज हो गया। इसमें तत्कालीन पटवारी से सांठगांठ कर बिना किसी सक्षम आदेश, प्रकरण चले ही गुजलारी और मुन्नी का नाम खसरे में दर्ज हो गया।

इस खसरे में गुलजारी और मुन्नीबाई का नाम बिना आदेश दर्ज हुआ

इस मामले में एक शिकायत फरवरी 2022 में कलेक्टर न्यायालय में की गई, जिसमें इस पूरे फर्जीवाडे को उजागर किया गया था चूंकि नियम के अनुसार पट्टे की भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति के क्रय विक्रय नही की जा सकती है लेकिन इस मामले में ऐसा ही हुआ, लिहाजा कलेक्टर न्यायालय ने संज्ञान लेकर इसकी जांच एसडीएम न्यायालय झांसी रोड को दी, जांच के दौरान एक पत्र 2022 को मातादीन के पुत्र विशाल सिंह को एसडीएम न्यायालय से प्राप्त हुआ, जिसमें उसे तलब किया गया था वहां जाकर इतने सालों बाद मातादीन के पुत्र विशाल सिंह और 92 साल की पत्नी बर्फीदेवी को भी इस फर्जीवाडे की जानकारी हासिल हुई। क्योंकि उन्हे पता ही नही था कि मातादीन उर्फ मातवर सिंह को मिली पट्टे की जमीन को भूमाफियाओं ने फर्जीवाडे से अपने नाम कर बेच दिया है।

पट्टे की जमीन को लेकर कलेक्टर को की गई शिकायत

एसडीएम न्यायालय मे जांच के दौरान राजस्व निरीक्षक होतम सिंह यादव द्वारा दिनांक 13.5.2022 को प्रतिविदेन प्रस्तुत किया गया कि उक्त खसरे में गुलजारी लाल और मुन्नीबाई के नाम बिना किसी आदेश के ही दर्ज कर दिए गए है।

राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन

वहीं इस पूरे प्रकरण में एक और बडा फर्जीवाडा सामने आ रहा है जिसमें गुलजारीलाल और मुन्नीबाई की तरफ से प्र.क्र.12 वर्ष 83-84 का एक आदेश पेश किया गया है आदेश तहसीलदार का बताते हुए पेश किया गया है जिसमें उक्त पट्टे के भूमि गुलजारीलाल और मुन्नीदेवी के नाम दर्ज किए जाने के आदेश का उल्लेख है।

एसडीएम न्यायालय में पेश फर्जी आदेश

लेकिन जब सूचना के अधिकार के तहत उक्त आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त की गई तो बडे फर्जीवाडे का खुलासा हुआ, इस तरह का कोई आदेश गुलजारीलाल और मुन्नीबाई के नाम कभी जारी ही नही हुआ, उक्त फर्जी आदेश की तस्दीक मुरार तहसील का दायरा रजिस्टर वर्ष 1983- 84 के अवलोकन में भी प्रकरण क्रमांक 12 ग्राम गुटीना रोशन पुत्र बंसी के नाम से दर्ज है ग्वालियर तहसील का दायरा पंजी रजिस्टर वर्ष 1983 -84 में भी उक्त आदेश के सत्यापन हेतु अवलोकन किया गया परंतु उसमें भी प्रकरण क्रमांक 12 अरविंद सिंह विरुद्ध पहलाद सिंह के नाम से दर्ज है

ये है असली आदेश, जिसके प्र.क्र. में फर्जीवाडा कर फर्जी आदेश बनाया गया

इसी से जुडा एक और फर्जीवाडा पकड में आया है उक्त फर्जी आदेश गुजलजारी लाल और मुन्नीदेवी की तरफ से जिस रसीद नंबर 6574 आवेदन दिनांक 22/ 4/22 से नकल प्राप्त करना बताया गया है सूचना के अधिकार के तहत जानकारी से पता चला कि जिला अभिलेखागार मोती महल ग्वालियर रसीद क्रमांक 6574 आवेदन दिनांक 22/ 4/22 में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ ना ही कोई नकल राजस्व अभिलेखागार से जारी हुई। जिससे स्पष्ट है कि एसडीएम न्यायालय को गुमराम और भ्रमित करने की नियत से फर्जी आदेश पेश किया गया, जो प्रमाणित भी हो गया है

जिला अभिलेखागार की टीम, जिसमें नकल प्राप्त करने की कोई रसीद जारी नही कि गई, न ही कोई आदेश की नकल दी गई

फिलहाल इस मामले की सुनवाई अपर आयुक्त, ग्वालियर संभाग, ग्वालियर आयुक्त न्यायालय में हो रही है जिसमें 25 मई 2023 को सुनवाई नियत की गई है उधर इस फर्जीवाडे की शिकायत अब स्व. मातादीन उर्फ मातवर सिंह के पुत्र विशाल सिंह ने थाना सिरौल में भी की है।

वर्तमान में जमीन का बाजारू मूल्य लगभग 10 करोड रूपए है इसलिए भूमाफिया हडपी गई जमीन को छोडने के लिए तैयार नही है और इसके लिए फर्जी राजस्व आदेश तैयार करने से लेकर न्यायालय में पेश करने और फर्जी नकल रसीदें भी बनाने से नही चूक रहा है ऐसे में इस पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच किए जाने और भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जरूरत है ताकि जरूरतमंदों को दी गई पट्टों की जमीन भूमाफिया हथियाने से पहले दस बार सोचे।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *