बाबा के भक्तों ने कहा: पारदर्शी गेट लगाएं, वीरभद्र व कार्तिकेय स्थापित हों, नंदीजी की नई मूर्ति लगे, मंदिर की व्यवस्थाएं संभालने बने दस सदस्यीय कमेटी
ग्वालियर13जून2025। समूचे अंचल में श्रद्धालूओं की आस्था के सबसे बड़े स्थल श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर चल रहे निर्माण कार्यों में मंदिर प्रबंधन द्वारा अव्यवस्था, अदूरदर्शिता एवं अव्यावहारिकता बरते जाने से हजारों शिवभक्तों मैं रोष एवं असंतोष व्याप्त है।
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास, ग्वालियर के पूर्व सूचना सचिव महेन्द्र भदकारिया ने कलेक्टर, संभागायुक्त एवं मंदिर न्यास के रिसीवर को पत्र लिखकर बाबा के भक्तों की भावनाओं से अवगत कराते हुए कहा है कि अचलेश्वर मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण एवं सुधार कार्य यदि भक्तों की धार्मिक भावनाओं व सुविधा के अनुरूप नहीं किए गए तो भक्तगण आंदोलनात्मक कदम उठाते हुए धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश होंगे।
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास के पूर्व सूचना सचिव महेन्द्र भदकारिया ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों एवं न्यास रिसीवर जस्टिस निशीथ मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि मंदिर के प्रवेश द्वारों के लिए जो गेट बनाए जा रहे हैं, वे इस तरह पारदर्शी हों कि दर्शनार्थियों को बाहर से भी अचलेश्वर बाबा के दर्शन हो जाएं। इन गेटों को धार्मिक स्थापत्य कला के अनुरूप नहीं बनाया जा रहा है। गेटों पर स्वास्तिक, डमरू एवं त्रिशूल की प्रतिकृति बनाई जाएं, मंदिर परिसर में विराजी नंदीजी की मूर्ति खंडित हो चुकी है, इस मूर्ति को बदलकर नवीन नंदी प्रतिमा स्थापित की जाए। मंदिर में वीरभद्र एवं कार्तिकेय स्वामी की प्रतिमाएं अब तक नहीं हैं, इन्हें स्थापित किया जाए क्योंकि ये शिवपरिवार के अभिन्न अंग हैं।
श्री भदकारिया एवं अन्य भक्तों ने कहा कि सभी प्रतिष्ठित मंदिरों के प्रवेश द्वार पर कीर्तिमुख बनाए जाने की परंपरा है ताकि मंदिर को नजर नहीं लगे। लेकिन अचलेश्वर मंदिर में कीर्तिमुख स्थापित नहीं है। कीर्तिमुख स्थापित कर यह कमी अविलम्ब दूर की जाए।
अचलेश्वर बाबा के भक्तों ने यह भी मांग की कि मंदिर न्यास द्वारा विगत कई वर्षों से चलाई जा रही तमाम धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियां एवं जनसेवा कार्य अचानक बंद कर दिए गए हैं जिससे भक्तों में नाराजगी है। प्रति वर्ष अक्षय तृतिया पर आयोजित किए जाने वाले सामूहिक विवाह समारोह को पुनः शुरू किया जाए। गौभोग आरंभ हो, यहां प्रतिदिन चलने वाले भंडारे में व्याप्त अव्यवस्था दूर की जाए, कोई भी व्यक्ति भंडारे से भूखा नहीं जाना चाहिए, भंडारे में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता सुधारी जाए।
उन्होंने मांग की है कि कलेक्टर एवं कमिश्नर मंदिर न्यास के कामकाज की सतर्कता से मॉनिटरिंग करें। उन्होंने मंदिर के रिसीवर जस्टिस निशीथ मोदी से भी आग्रह किया है कि उन्हें मंदिर की अव्यवस्थाएं दूर करने के लिए अहम जिम्मेदारी दी गई। भक्त उनसे अपेक्षा करते हैं कि वे इन बदइंतजामियों को तत्काल दूर कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें एवं मंदिर का प्रबंधन संभालने के लिए एक दस सदस्यीय कमेटी गठित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि अचलेश्वर मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण एवं सुधार कार्य यदि भक्तों की धार्मिक भावनाओं व सुविधा के अनुरूप नहीं किए गए तो भक्तगण आंदोलनात्मक कदम उठाते हुए धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश होंगे।