ग्वालियर21अगस्त2025। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने ग्वालियर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, जय आरोग्य (JAH) की बदहाली को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने अस्पताल की मौजूदा स्थिति को भ्रष्टाचार और खोखली घोषणाओं का परिणाम बताते हुए कहा कि यह चंबल अंचल की चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था का प्रतीक बन चुका है।
शर्मा ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि जय आरोग्य अस्पताल न केवल ग्वालियर-चंबल, बल्कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों की भी सेवा करता है, लेकिन आज इसकी हालत दयनीय है। उन्होंने इस बदहाली के पीछे कई अहम कारण गिनाए।
कांग्रेस ने लगाए ये गंभीर आरोप 1. डॉक्टरों की भारी कमी: प्रेस नोट के अनुसार, अस्पताल में 80 विशेषज्ञ डॉक्टरों के स्वीकृत पदों में से केवल 15 ही कार्यरत हैं। इसका नतीजा यह है कि न्यूरोसर्जरी और कैंसर जैसे महत्वपूर्ण विभाग लगभग ठप पड़े हैं। शर्मा ने कहा कि बार-बार विज्ञापन देने के बाद भी योग्य डॉक्टर यहां नहीं आ रहे हैं, क्योंकि व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
2. करोड़ों की मशीनें धूल फांक रही हैं: कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये की कैंसर उपचार मशीन पिछले 4 साल से बिना उपयोग के पड़ी है, क्योंकि सरकार नीदरलैंड से जरूरी ‘सोर्स’ आयात नहीं करा पाई। इससे गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में 20-30 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं या फिर उन्हें बिना इलाज के ही दम तोड़ना पड़ रहा है।
3. जांच मशीनों की बदहाली: प्रेस नोट में कहा गया है कि एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे जैसी महत्वपूर्ण जांच मशीनें अक्सर खराब रहती हैं। इससे मरीजों को मजबूरन निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों पर 5 से 10 गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने तुलनात्मक आंकड़े देते हुए बताया कि जहां सरकारी दर पर एमआरआई ₹1500 है, वहीं निजी केंद्रों पर यह ₹4000 से ₹7800 तक है।
4. दवाओं का संकट और गंदगी: अस्पताल में 448 प्रकार की दवाओं में से 75 खत्म हो चुकी हैं। इससे मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा है। नए 1000-बिस्तर वाले भवन में पानी का रिसाव होता है, लिफ्टें खराब हैं और दीवारों पर गुटखे के निशान हैं।
5. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पर सवाल: जिस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को सरकार ने ‘आधुनिक सुविधाओं वाला’ बताया था, वहां आए दिन फॉल सीलिंग के टुकड़े गिरने की घटनाएं हो रही हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार का नतीजा बताया है।
6. भ्रष्टाचार का आरोप: प्रेस नोट में पार्किंग में अवैध वसूली, मारपीट और दवा आपूर्ति में करोड़ों के घोटाले का भी आरोप लगाया गया है।
कांग्रेस की प्रमुख मांगें प्रेस नोट के माध्यम से कांग्रेस ने सरकार से पांच प्रमुख मांगें की हैं:
- विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्टाफ की तत्काल भर्ती की जाए।
- दवाओं की आपूर्ति और खराब मशीनों की तुरंत मरम्मत हो।
- कैंसर उपचार मशीन और अन्य सभी महत्वपूर्ण मशीनें तुरंत चालू की जाएं।
- भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
- नए अस्पताल भवनों के सुरक्षा मानकों की जांच की जाए।
शर्मा ने अंत में कहा कि कांग्रेस इस लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी, ताकि ग्वालियर-चंबल की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।