ग्वालियर24 जनवरी 2025।नगर निगम ग्वालियर द्वारा स्वच्छता में नित नए कार्य कर रहा है। गीले कचरे एवं गोबर का सदुपयोग कर नगर निगम जल्द ही इसे कमाई का जरिया बना लेगा। नगर निगम की लाल टिपारा गौशाला में स्थापित किए गए बायो कंप्रेस्ड सीएनजी प्लांट में सीएनजी बनने का कार्य प्रारंभ हो गया है ।
गौशाला में प्रतिदिन लगभग 1 टन सीएनजी बन रही है। जिसका बाजार में मूल्य लगभग 01 लाख रूपये है। ग्वालियर कलेक्टर से अनुमति मिलते ही इस सीएनजी का उपयोग नगर निगम के वाहनों में करना प्रारंभ हो जाएगा। इससे नगर निगम को करोड़ों रुपये मूल्य के डीजल खरीदने से मुक्ति मिल जाएगी, वहीं शहर की स्वच्छता में लगे वाहन भी प्रदूषण मुक्त हो जाएंगे।
नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव ने बताया कि नगर निगम की आदर्श गौशाला में इंडियन ऑयल कारपोरेशन की मदद से 31 करोड़ लागत से बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट की क्षमता 100 टन प्रतिदिन गोबर से गैस बनाने की है। 100 टन गोबर से प्रतिदिन 2 टन गैस बनेगी। लेकिन सर्दियों का मौसम होने के कारण अभी पूरी क्षमता से गैस का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। लेकिन मौसम बदलते ही प्रतिदिन 2 टन बायो सीएनजी गैस बनना प्रारंभ हो जाएगी।
गेल गैस कंपनी से अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है
नगर निगम की आदर्श गौशाला में स्थापित बायो सीएनजी गैस प्लांट से उत्पादन के बाद उसकी बिक्री नगर निगम के द्वारा गेल गैस कंपनी को की जाएगी। इसके लिए नगर निगम और कंपनी के बीच अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है।
वर्तमान में 80 गाड़ियां हैं निगम के पास सीएनजी से संचालित
नगर निगम के पास वर्तमान में स्वच्छता कार्य में लगी 80 गाडियां बायो सीएनजी गैस से संचालित होने वाली हैं। नगर निगम जल्द ही बायो सीएनजी गैस से संचालित होने वाली गाड़ियों की संख्या बढाएगा।
10000 गाय हैं गौशाला में
नगर निगम की लाल टिपारा आदर्श गौशाला में लगभग 10000 गाय हैं, एक गाय प्रतिदिन में 10 से 12 किलो गोबर का उत्सर्जन करती है। नगर निगम की गौशाला में 1 लाख 20000 किलो गोबर प्राप्त होगा, जबकि और गोबर शहर की डेयरियों से एकत्रित किया जाएगा, साथ ही करीब 2 टन गीला कचरा शहर से एकत्रित किया जाएगा।