भोपाल11मार्च2024।सीएम मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में बढ़ रही सिंचाई सुविधाएं और पेयजल आपूर्ति से बुंदेलखंड और चंबल क्षेत्र के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर तथा मां नर्मदा के जल को कलश में प्रवाहित कर केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल जल कलश यात्रा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल कलश यात्रा के पांच रथों को झंडी दिखाकर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार परिसर से रवाना किया। यात्रा के अंतर्गत एक सौ एलईडी प्रचार रथ, केन बेतवा पार्वती काली सिंध चंबल परियोजना के लाभान्वित 17 जिलों के लगभग 3600 ग्रामों में प्रचार-प्रसार के लिए भेजे जा रहे हैं। कार्यक्रम में परियोजना के लाभ एवं जल के महत्व पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना से बुंदेलखंड और चंबल का जीवन बदलेगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बदलते दौर के भारत की नई तस्वीर हमारे सामने है। कोविड काल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देशवासियों की रक्षा के साथ-साथ 100 से अधिक देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराकर अपनी दूरदर्शिता और कार्यक्षमता का परिचय सम्पूर्ण विश्व को कराया। देश में उनके नेतृत्व में हो रहे नवाचार और नई तकनीक के उपयोग से जनसामान्य का जीवन आसान हुआ है।
उन्होने कहा कि प्रदेश का बुंदेलखंड और चंबल क्षेत्र जल की कमी के कारण पिछड़ा था। वीरता, पराक्रम और शौर्य के दम पर बुंदेलखंड ने भारतीयता का मस्तक कभी झुकने नहीं दिया, विपरीत परिस्थितियों में भी बुंदेलखंडवासी संघर्ष में रहे और शत्रुओं को धूल चटाई। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ेगी और क्षेत्र के लोगों का जीवन सरल एवं आनंदमयी बनेगा। हमारे लिए नदियां जीवनदायिनी हैं। माँ नर्मदा ने प्रदेश के एक भाग को खुशहाल बनाया है। अब केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना बुंदेलखंड और चंबल का जीवन बदलेगी।
वहीं मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि केन-बेतवा राष्ट्रीय परियोजना बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल देगी। इस परियोजना से 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी तथा बुंदेलखंड के 41 लाख लोगों को पेयजल मिलेगा। परियोजना से बुंदेलखंड में 103 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इससे प्रदेश के 10 जिलों के लगभग 2 हजार गांव के 7 लाख 13 हजार किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। चंबल-कालीसिंध-पार्वती सिंचाई परियोजना विकास और प्रगति के नए द्वार खोलेगी। बहत्तर हजार करोड़ रुपए लागत की इस परियोजना से मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के 06 लाख 17 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी, जिसमें मध्य प्रदेश के 03 लाख 37 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी