राजस्व विभाग, ग्वालियर में सबसे अधिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए जाने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री, माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र
भूमि/भवन की रजिस्ट्री के पंजीयन के समय ही नामांतरण शुल्क की राशि वसूल कर, उस सम्पत्ति स्वामी को रजिस्ट्री के साथ ही उसका नामांकन आदेश दिए जाने का दिया सुझाव
ग्वालियर12दिसम्बर2022 । राजस्व विभाग, ग्वालियर में सबसे अधिक भ्रष्टाचार होने संबंधी एक समाचार-पत्र में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आज प्रदेश के मुख्यमंत्री, माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र प्रेषित कर, माँग की है कि भूमि/भवन की रजिस्ट्री के पंजीयन के समय ही नामांतरण शुल्क की राशि वसूल कर, उस सम्पत्ति स्वामी को रजिस्ट्री के साथ ही उसका नामांकन आदेश दिए जाने हेतु नीति बनाई जाए ।
MPCCI अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारक संपत्तियों की नामांतरण प्रक्रिया का युक्तियुक्तकरण नहीं होना और इसमें अनेक अवरोध होना है क्योंकि म. प्र. में भूमि/भवन के क्रय-विक्रय का पंजीयन विलेख दर्ज कराने के बाद नामांतरण किए जाने की जो वर्तमान व्यवस्था है, उसमें भूमि/भवन का क्रय-विक्रय कर, उसका पंजीयन कराना उतना कठिन नहीं होता है, जितना कि उसका रेवेन्यू रिकॉर्ड या नगर-निगम में नामांतरण करना होता है ।
पदाधिकारियों ने कहा है उपरोक्त समस्या के संबंध में चेम्बर द्वारा अक्टूबर माह में भी पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया था, परन्तु राज्य सरकार द्वारा इस पर अभी तक कोई नीति नहीं बनाए जाने से दिन-प्रतिदिन राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है । इसलिए यह आवश्यक है कि जिस समय भूमि/भवन की रजिस्ट्री संपादित की जाती है, उसी समय नामांतरण शुल्क की भी वसूली कर, उस भूमि/भवन स्वामी को रजिस्ट्री के साथ उसका नामांकन आदेश भी दिया जाए, जिससे सम्पत्ति स्वामी को अनावश्यक राजस्व/निगम कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े और उनके इस कार्य को सम्पन्न करवाने में जो संबंधितजों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाता है, उस पर भी प्रभावी ढंग से अंकुश लग सके ।
अतः उपरोक्तानुसार नीति बनाने की माँग MPCCI द्वारा एक बार पुनः पुरजोर रूप से पत्र के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी से की गई है, ताकि राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रभावी रूप से अंकुश लग सके और सम्पूर्ण म. प्र. के राजस्व अमले पर आए दिन लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों से विभाग को मुक्ति मिलकर, प्रदेश की आम जनता को भी राहत मिल सके ।