छिंदवाड़ा कोल़्ड्रिफ सीरप प्रकरण: दो औषधि निरीक्षक और उप संचालक निलंबित, ड्रग कंट्रोलर स्थानांतरित, मुख्यमंत्री ने दी कड़ी कार्रवाई के निर्देश

भोपाल06अक्टूबर2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छिंदवाड़ा प्रकरण में सभी दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार सजग और संवेदनशील है और मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद कुमार जैन और उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित को निलंबित कर दिया है। वहीं ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

अभियान चलाकर घर-घर से रिकवर करें प्रतिबंधित दवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही दुकानों में मौजूद स्टॉक जप्त किया जाए। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से इसे रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाया जाए। आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के साथ ही सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लिया जाए।

कोल्ड्रिफ सिरप के अलावा क्षेत्र में बिकने वाली अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का भी आकलन किया जाए। दवाओं पर चेतावनी और सावधानियां लिखी जा रही हैं या नहीं इसकी निगरानी के लिए अभियान चलाया जाए। नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग न देने की व्यवस्था का पालन न करने वाले डॉक्टरों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

चिकित्सकों और केमिस्ट एसोसिएशन का सहयोग आवश्यक

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैडियाट्रिक्स सहित चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों और केमिस्ट एसोसिएशन के सहयोग से आवश्यक सावधानियां अपनाने और जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने कोल्ड्रिफ सिरप की निर्माता कंपनी पर कार्यवाही के लिए तमिलनाडु राज्य सरकार को घटनाक्रम से अवगत कराने के निर्देश भी दिए।

प्रभावित मरीजों की पहचान और परीक्षण

बैठक में बताया गया कि छिंदवाड़ा से गंभीर प्रकरणों की जानकारी मिलने के बाद राज्य स्तर से चिकित्सकों की टीम छिंदवाड़ा भेजी गई। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का भी जांच में सहयोग लिया गया। आठ मरीजों के नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए और विभिन्न दवाओं के सैंपल लेकर उनकी जांच कराई गई।

छिंदवाड़ा और परासिया के निजी चिकित्सकों, अस्पतालों और केमिस्टों के साथ बैठक कर स्थिति का आंकलन किया गया और उन्हें आवश्यक सावधानियां बरतने के संबंध में सलाह दी गई। प्रभावित मरीजों को चिन्हित करने के लिए सर्वे शुरू किया गया और आवश्यकता पड़ने पर इलाज के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नागपुर भेजा गया। जिला प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर दवा पर प्रतिबंध लगाया और अस्पतालों व केमिस्टों का निरीक्षण शुरू किया।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और अन्य राज्यों को दी सूचना

बैठक में जानकारी दी गई कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और हिमाचल प्रदेश व तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को भी घटना की सूचना दी गई। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर ने कोल्ड्रिफ सिरप की जांच रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाए जाने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया।

साथ ही अधिकांश मरीजों को कोल्ड्रिफ सिरप लिखने वाले और अपने परिवार के माध्यम से दवा बिक्री कराने वाले डॉक्टरों के निलंबन और दवा निर्माता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई। बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेंद्र शुक्ल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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