ग्वालियर19जुलाई2025।द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ग्वालियर ब्रांच द्वारा विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर
एक महत्वपूर्ण स्टडी सर्कल सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था –भावनात्मक बुद्धिमता एवं संधर्ष प्रबंधन स्किल्स।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु श्री संत कृपाल सिंह जी रहे। उन्होंने अपने संबोधन में जीवन में भावनात्मक संतुलन और आत्म-प्रबंधन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा – लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकाग्रता जरूरी है।इसके लिए तन एवं मन को शुद्ध रखना बहुत जरूरी है साथ ही बताया कि आत्मीय संबंध सभी सम्बन्धों से ऊपर होता है।इसके बाद उन्होंने भगवान राम एवं भरत के प्रेम पर बोलते हुए सीए मेम्बर्स को अच्छा कार्य करने एवं आंतरिक सुख प्राप्ति के लिए सद्गुरु की महत्ता बताई।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. श्री उमाशंकर पौचरी (आयुक्त, आरटीआई, मध्यप्रदेश शासन) ने युवाओं को संघर्ष प्रबंधन और इमोशनल इंटेलिजेंस की व्यावहारिक तकनीकों से अवगत कराया। उन्होंने कहा – “भावनाओं पर नियंत्रण ही नेतृत्व का मूल मंत्र है।” उन्होंने सफल एवं असफल व्यक्ति के बीच मे अंतर बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति मनमानी आचरण करता है जो मन की सुनता है वो व्यक्ति असफल होता है।
मन दुनिया का सबसे बुरा स्वामी एवं सबसे अच्छा सेवक है मन को जिस काम मे आप लगा देंगे वही काम श्रेष्ठ हो जाएगा।
ब्रांच के अध्यक्ष सीए मयूर गर्ग ने स्वागत उध्बोधन दिया एवं स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए पंकज शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
ब्रांच के सचिव सीए गगन जैन ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।
कार्यक्रम में ग्वालियर ब्रांच के अध्यक्ष सीए मयूर गर्ग, उपाध्यक्ष सीए निधि अग्रवाल, सचिव सीए गगन जैन, कोषाध्यक्ष सीए विवेक कुमार जैन, स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए पंकज शर्मा, एक्सिक्यूटिव मेंबर सीए नगेन्द्र कुशवाह,सीए अजय सिंघल,सीए राजीव रंजन दुबे,सीए मोना सिंघल,सीए विकुल सिंह,सीए सचिन गुप्ता सहित बड़ी संख्या में सीए सदस्य मौजूद रहे।
यह आयोजन न केवल युवाओं के लिए प्रेरक सिद्ध हुआ बल्कि कार्यस्थल पर व्यवहार कुशलता और मानसिक संतुलन के महत्व को भी रेखांकित कर गया।