ग्वालियर26मई2025।एमपी यूथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हाल ही में एक अखबार में समाचार प्रकाशित किया गया था जिसमें यूथ कांग्रेस के संभावित तीन दावेदारों के बारे में लिखा गया, खबर की हेडलाईन थी कि पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश बन सकते हैं यूथ कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष।
इस खबर पर म.प्र.भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस को लेकर तंज कसा है फेसबुक पर की गई पोस्ट पर अग्रवाल ने कांग्रेस पर घोर परिवारवाद का आरोप लगाया है। उन्होने लिखा है कि कांग्रेस का कार्यकर्ता केवल ताली बजाने के लिए है…कांग्रेस का उत्तराधिकारी” पहले से तय होता है, बाकी सब बस भीड़ में नारे लगाते हैं।
पूरी पोस्ट कुछ इस तरह से हैः
आत्मविरोधाभासी-परिवारवादी कांग्रेस
पहले से तय नतीजा, फिर इंटरव्यू का नाटक क्यों?
अगर नेता पुत्र को ही बनाना है प्रदेश अध्यक्ष, तो बाकी सब इंटरव्यू सिर्फ दिखावा है?
कांग्रेस = परिवारवाद प्राइवेट लिमिटेड!
गांधी परिवार से लेकर नाथ-दिग्गी-अर्जुन सिंह-घनघोरिया परिवार तक हर कुर्सी पर सिर्फ बेटा-बेटी का अधिकार?
वंशवाद बनाम योग्यता का ढोंग:
जब फैसला पहले ही परिवार के नाम पर हो चुका है, तो ‘योग्यता’ की बात करना सिर्फ मज़ाक है।
सच्चे कार्यकर्ताओं का अपमान:
जो लोग ज़मीन पर सालों से पार्टी के लिए खून-पसीना बहा रहे हैं, उनका काम है ताली बजाना और फालतू का इंटरव्यू देना!
कार्यकर्ताओं के लिए क्या संदेश है?
“मेहनत करो, नारे लगाओ – लेकिन कुर्सी तो खानदान-परिवार के वारिसों की ही होगी!”
कांग्रेस का उत्तराधिकारी” पहले से तय होता है, बाकी सब बस भीड़ में नारे लगाते हैं।
जय लोकतंत्र!
या कांग्रेस की भाषा में यूं कहें – जय “परिवार-तंत्र”!


अखबार में प्रकाशित इस खबर पर प्रदेश की बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस पर निशाना साधा है।
इसके साथ ही आशीष अग्रवाल ने एक्स पर भी पोस्ट कर केबीसी स्टायल में कांग्रेस के लिए सवाल पूछा है कि
मध्यप्रदेश कांग्रेस के कथित संगठनात्मक “इंटरव्यू” के लिए इन तीन सवालों में सबसे महत्वपूर्ण कौनसा है?
