ग्वालियर जोन सायबर पुलिस की बडी सफलता, देशभर में पहली बार आठ हजार फर्जी मोबाइल सिम ब्लॉक

एसपी राज्य सायबर पुलिस ग्वालियर जोन श्री सुधीर अग्रवाल

एसपी सायबर ग्वालियर जोन सुधीर अग्रवाल और उनकी टीम दो साल से कर रही थी फॉलो

ग्वालियर/भोपाल ।  मध्यप्रदेश सायबर पुलिस ने सायबर अपराधों में हथियार के रूप में प्रयोग होने वाली लगभग आठ हजार फर्जी मोबाइल नंबर ब्लॉक कराने में सफलता प्राप्त की है। इन फर्जी मोबाइल नंबरों के आधार पर सायबर अपराधी आम लोगों को प्रतिदिन लाखों रूपये की चपत लगाने में सफल हो जाते थे। यह सायबर अपराधी घटना में प्रयुक्त सिमों पर आम नागरिकों की आईडी का उपयोग भी करते थे, अभी तक सायबर पुलिस ने विवेचना में आठ संदिग्धों के विरूद्ध कार्रवाई की है। यह सायबर अपराधी अभी तक २० हजार से भी अधिक मोबाइल नंबरों के डाटा का उपयोग कर चुके हैं। इतनी बडी संख्या मं सिम ब्लॉक कराये जाने का यह देश का संभवत: पहला मामला है।


ज्ञातव्य है कि मप्र राज्य सायबर पुलिस द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख के मार्गदर्शन में सायबर अपराधियों के विरूद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कडी में सायबर पुलिस जोन ग्वालियर ने सायबर ठगी के एक साधारण से दिखने वाले प्रकरण की गहन तकनीकी विश्लेषण  करते हुये न केवल हजारों संदिग्ध मोबाइल नंबरों का पता लगाया , बल्कि लगभग आठ हजार संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराने में सफलता अर्जित की है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस

ग्वालियर जोन सुधीर अग्रवाल ने बताया कि एक शिकायत कर्ता ने फेसबुक पर कार का विज्ञापन देखकर कार खरीदने के लिये एक लाख ७५ हजार रूपये जमा करा लिये जाने और इस प्रकार ठगी हो जाने की शिकायत वर्ष २०२० में की थी। जिस पर सायबर पुलिस ने अपराध कायम किया। विवेचना के दौरान पाया कि आरोपी ने फरियादी से मोबाइल पर बात करने के लिये जिस मोबाइल सिम का प्रयोग किया था वह नंबर किसी नागरिक के पहचान दस्तावेजों का प्रयोग कर फर्जी तरीके से जारी किया गया था। विवेचना में फर्जी सिम जारी करने की प्रक्रिया में संलिप्त आठ आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की गई है। इसके अलावा विवेचना टीम ने आरोपीगणों की तलाश कर एकत्र किये गये डाटा का विश्लेषण  कर पाया कि प्रकरण में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों के उपयोगकर्ताओं ने विगत एक वर्ष की अवधि मेेंं लगभग २० हजार मोबाइल नंबरों का प्रयोग किया है। इन नंबरों को यंदिग्ध मानते हुये इन्हें जारी करने वाली विभिन्न टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों वोडाफोन, आईडिया, एयरटेल, बीएसएनएल को इन नंबरों के रिवेरिफिकेशन के लिये लिखा गया। जिसके बाद टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी वोडाफोन , आईडिया द्वारा तत्परता से कार्रवाई करते हुये 7948 सिमों को बंद कर दिया।


पुलिस अधीक्षक सायबर सुधीर अग्रवाल ने बताया कि इन सिमों का ब्लॉक किया जाना इसलिये भी अधिक महत्पवूर्ण है क्योंकि इस प्रकार की फेक सिमों का प्रयोग करके ही सायबर अपराधियों द्वारा देश के भोले भाले नागरिकों के साथ सायबर अपराध विशेषकर ठगी की जाती है। परंतु ठगी की शिकायत जांच पर पुलिस असली सायबर अपराधियों तक नहीं पहुंच पाती क्योंकि सिम निर्दोष नागरिकों के आईडी का उपयोग कर प्राप्त की गई होती है। इन सिमों के ब्लॉक होने के बाद इन सिमों का प्रयोग सायबर अपराध में करना संभव नहीं हो पायेगा।
इस प्रकार ठगी के एक सामान्य प्रकरण में अनुसंधान और संदिग्ध आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के  साथ-साथ डाटा कलेक्शन तथा सूक्ष्म गहन विश्लेषण  से हजारों की संख्या में संदिग्ध मोबाइल नंबरों का पता लगाने और लगभग आठ हजार सिम नंबर ब्लॉक कराये जाने का संभवत: पूरे देश का अपनी तरह का पहला मामला है। आज जिस प्रकार से सायबर अपराधों में वृद्धि हो रही है, उसे रोकने के लिये इस प्रकार की कार्रवाई की आवश्यकता है। इस प्रकार की प्रक्रिया लगातार जारी रखी जायेगी। तथा इस विश्लेषण  में शामिल सायबर पुलिस जोन ग्वालियर के सभी अधिकारी कर्मचारियों की टीम को पुरस्कृत किया जायेगा। इस संबंध में किसी को यदि जानकारी लेना हो तो वह पुलिस अधीक्षक सायबर ग्वालियर सुधीर अग्रवाल के मोबाइल नंबर 9425490954 पर संपर्क कर सकता है।  

इनका कहना है

20 हजार संदिग्ध नंबरों की सूची मोबाइल कंपनियों को भेजी गई थी DOT की स्पष्ट गाईडलाइन के अभाव में फर्जी सिमों पर कार्यावाही लंबित थी अभी हाल में फर्जी और संदिग्ध सिमों को ब्लॉक करने को लेकर DOT के दिशा निर्देश जारी हुए थे जिसके माध्यम से मोबाइल कंपनियों से समन्व्य स्थापित कर ये कार्यवाही की गई है जो लगातार जारी रहेगी।

सुधीर अग्रवाल, एसपी राज्य सायबर पुलिस, ग्वालियर जोन

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