बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों को MP के सभी जिलों में मिलेगा लाभ

कलेक्टरों को निर्देश जारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर लिया निर्णय

भोपाल 26सितंबर2025।प्रदेश के सभी जिलों में निवास कर रहे विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति बैगा , भारिया और सहरिया के सदस्यों को उनकी पात्रता अनुसार विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इस आशय के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को जारी कर दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने हाल ही कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के चिन्हित 15 जिलों के अलावा अन्य जिलों में रह रहे बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों को विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए संचालित योजनाओं का लाभ देने का परीक्षण करने और उन्हें लाभ दिलवाने के निर्देश दिए थे।

उल्लेखनीय है की पांचवी से नवी पंचवर्षीय योजना की अवधि के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा विकसित मानदंडों के आधार पर राज्य सरकारों के परामर्श से 75 जनजातीय समूहों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के रूप में नामांकित किया गया है। मध्य प्रदेश में बैगा , भारिया और सहरिया जनजातियों को विशेष पिछड़ी जनजाति समूह में शामिल किया गया है।

यदि इन जनजातियों के आवेदक जिला श्योपुर, मुरैना, दतिया , ग्वालियर , भिंड, शिवपुरी, गुना तथा अशोकनगर की सहरिया जनजाति, जिला मंडला, डिंडोरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट अनूपपुर की बैगा जनजाति और छिंदवाड़ा तथा सिवनी की भारिया जनजाति के आवेदकों द्वारा संविदा शाला शिक्षक या तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिए या वनरक्षक के लिए आवेदन करता है तो उस पद के लिए निर्धारित न्यूनतम योग्यता रखता है तो उसे भर्ती प्रक्रिया को अपनाए बिना उक्त पद पर नियुक्त किया जाएगा।

उल्लेखनीय कि इसके पहले विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ 15 जनजातीय बहुल जिलों शिवपुऱी, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर की सहरिया जनजाति, मंडला, डिंडोरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट तथा अनूपपुर की बैगा और जिला छिंदवाड़ा के तामिया विकासखंड की भारिया जनजाति को ही दिया जा रहा था।

प्रदेश के किसी भी जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की शासकीय सेवाओं में नियुक्ति के लिए चिन्हित विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के जिलों के लिए विशेष प्रावधान को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में रहने वाले बैगा , भारिया और सहरिया परिवारों को विशेष पिछड़ी जनजाति की योजनाओं का लाभ दिए जाने में कोई कठिनाई नहीं है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा पिछली जनजाति समूह के लिए विशेष रूप से संचालित पीएम जनमन योजना में 24 जिलों में इन समूहों के हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है।

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