ग्वालियर के बहुचर्चित फर्जी लोन घोटाले के मामले में 5 सालों से फरार चल रहे केनरा बैंक के तत्कालीन मैनेजर सचिन सोनी को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ आधा दर्जन धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। इनमें पांच मामले तो अकेले विश्वविद्यालय थाने में ही दर्ज हैं जबकि एक अपराध क्राइम ब्रांच में दर्ज है ।
अपनी ग्वालियर पदस्थापना के दौरान 2016-17 में सचिन सोनी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक से तकरीबन 18 करोड़ का लोन निकाल लिया था। इस लोन को उसने अपने ही लोगों के खाते में भुगतान कराया। बैंक के ऑडिट के समय इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था इसके बाद मैनेजर सचिन सोनी एवं असिस्टेंट मैनेजर की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ वरिष्ठ बैंक प्रबंधन द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
इस मामले में कुल आधा दर्जन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें असिस्टेंट मैनेजर पूर्व में गिरफ्तार हो चुका है। लेकिन केनरा बैंक का तत्कालीन मैनेजर सचिन सोनी फरार बना हुआ था।पिछले दिनों पुलिस को सूचना मिली कि बैंक घोटाले का मास्टरमाइंड सचिन खंडवा शहर में देखा गया है।
इसके बाद पुलिस की एक टीम को खंडवा रवाना किया गया। वहां आरोपी के किशोर नगर स्थित घर से सचिन को दबोचा गया। पुलिस की ओर से इसकी गिरफ्तारी पर 5000 रुपए का इनाम घोषित किया गया था। सचिन सोनी ने फर्जी ऋण प्रकरण बनाकर बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी की थी। केनरा बैंक की सिटी सेंटर शाखा में मैनेजर रहते हुए सचिन सोनी ने इस करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया था। पुलिस इस मामले में उससे गहनता से पूछताछ कर रही है उसे रिमांड पर लिया जा कर इस मामले में कुछ और लोगों की भूमिका का भी पुलिस पता लगा रही है ।