ग्वालियर24दिसंबर2022। आज शासकीय चिकित्सक महासंघ, मध्य प्रदेश की बैठक का गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में सफल आयोजन हुआ। जिसमें डॉक्टर्स ने बैठक में चिकित्सकों की प्रताड़ना के विरुद्ध इस कार्यक्रम का आयोजन होना बताया।
इस बैठक के मूल विषय शासकीय चिकित्सकों की डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन प्रमोशन पॉलिसी (DACP) जो की लगभग पूरे देश (मध्य प्रदेश को छोड़) के शासकीय चिकित्सकों पर लागू है, पर चर्चा में डॉ राकेश मालवीय, डॉ माधव हसानी, डॉ सुनील अग्रवाल एवं डॉ गजेंद्र कौशल ने एक स्वर में कहा कि ये मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सकों के साथ प्रशासनिक भेदभाव है, ये विषमता देश में कहीं भी नहीं है, करियर उन्नयन हर अधिकारी/कर्मचारी का ही नहीं अपितु उसके परिवार माता – पिता, पत्नी व बच्चों का भी भविष्य निर्धारित करता है, इस मूलभूत अधिकार से वंचित रखना घोर अन्याय है, इस अन्याय के लिए वर्षों से वार्ता, 100 से अधिक पत्रों, अनेकों मीडिया लेखों के माध्यम से प्रशासन व शासन का ध्यानाकर्षण किया गया, परंतु आज इतने वर्षों के पश्चात भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया।
पुरानी पेंशन योजना बहाली पर सभी ने कहा कि ये योजना पुनः लागू की जानी चाहिए, पुरानी पेंशन अधिकारी/कर्मचारी का मौलिक अधिकार है, ये सिर्फ विधायक, सांसदों को न मिलकर हर अधिकारी कर्मचारी को मिलनी चाहिए, चिकित्सीय एवं अस्पताल प्रबंधन एक टेक्निकल कार्य है, जो देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में टेक्नोक्रेट्स (डॉक्टर्स) द्वारा ही किया जाता है एवं देश के मान. प्रधानमंत्री की भी ये ही मंशा है, इन कार्यों में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी आज प्रदेश के गरिमामयी संस्थानों एवं प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्थाओं के पतन का मुख्य कारण है।
डीएसीपी प्रमोशन पॉलिसी को लेकर पिछले 4 साल की बेनतीजा कोशिश के पश्चात भी सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया की महासंघ विनम्रता पूर्वक पुनः पत्र एवं अन्य साधनों से प्रशासन को एक निश्चित समय सीमा में, लगभग पूरे देश में प्रचलित इस पॉलिसी का ड्राफ्ट उचित मध्यम से देगा। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि महासंघ के पदाधिकारी जनवरी माह में पूरे प्रदेश में चिकित्सक संपर्क यात्रा निकाल समस्त शासकीय चिकित्सकों से वार्ता करेंगे। समय सीमा के उपरांत भी वार्ता ना होने पर या निष्कर्ष विहीन वार्ता होने पर प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सक, महासंघ के बैनर तले जनवरी माह में प्रदेश व्यापी आंदोलन हेतु बाध्य होंगे।
बैठक में वरिष्ठ चिकित्सक एवं मार्गदर्शक के रूप में प्रो. डॉ एच एच त्रिवेदी (वरिष्ठ प्रोफेसर), डॉ भानु दुबे (पूर्व अधिष्ठाता), डॉ निर्भय श्रीवास्तव(पूर्व अधिष्ठाता), डॉ संजीव गौर (पूर्व एमटीए अध्यक्ष) एवं डॉ हितेश वाजपेई (प्रवक्ता भा.ज.पा.) ने अपने वक्तव्य से संगठन को ऊर्जा दी, उन्होंने कहा चिकित्सक अपनी गरिमा को बनाएं रखें, चिकित्सीय संगठनों को अपनी बात रखने के लिए हमेशा वार्ता का रास्ता सर्वप्रथम अपनाना चाहिए तथा आंदोलन हमेशा आखिरी निर्णय होना चाहिए। उन्होंने संगठन को और अधिक चिकित्सा संबंधित सामाजिक कार्यों में शामिल होकर वंचित समाज की सेवा करने की बात कही।
बैठक में NMOPS के प्रांतीय अध्यक्ष श्री परमानंद डहरिया जी ने भी पुरानी पेंशन बहाली पर अपनी बात रखी।
बैठक में इऩ शासकीय चिकित्सक संगठनों के लगभग 100 संभागीय पदाधिकारियों ने भाग लिया।
1. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश (समस्त 13 मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारी)
2. मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन, मध्य प्रदेश (समस्त संभागीय पदाधिकारी)।
3. मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन, मेडिकल एजुकेशन, मध्य प्रदेश(समस्त 13 मेडिकल कॉलेज)।
4. ESI मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, मध्य प्रदेश
5. गैस राहत मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन, मध्य प्रदेश।
6. मेडिकल ऑफिसर, गृह विभाग, मध्य प्रदेश।
7. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन, मध्य प्रदेश।*