ग्वालियर। मध्यप्रदेश के जलसंसाधन मंत्री, मछुआ कल्याण तथा मतस्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ग्वालियर के प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार 14 जुलाई को ग्वालियर आ रहे है। श्री सिलावट 14 और 15 जुलाई को ग्वालियर में बीजेपी के तमाम नेताओं के साथ सौजन्य भेंट करेंगे वही शोक संवेदना व्यक्त करने भी पहुंचेंगे।
श्री सिलावट का जो आधिकारिक कार्यक्रम जारी किया गया है उसके मुताबिक जलसंसाधन मंत्री श्री सिलावट पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, पूर्व सासंद अनूप मिश्रा, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री श्रीमती माया सिंह, सासंद विवेक नारायण शेजवलकर, बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल के घर सौजन्य भेंट करने पहुंचेंगे। वहीं वरिष्ठ पत्रकार केशव पांडे और बैजनाथ शर्मा के निवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचेंगे। सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने शिरकत साथ ही श्री सिलावट इमरती देवी, मुन्नालाल गोयल, वेदप्रकाश शर्मा से भी मुलाकात करेंगे।
अब बीजेपी के अँदरखानों में चर्चा चल पडी है कि सिलावट ने अपने कार्यक्रम में शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समर्थक बीजेपी नेताओं को तवज्जो नही दी है और और न ही अपने कार्यक्रमों में उनके निवास की विजिट शामिल की है। जैसे नरेंद्र सिंह समर्थक बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष और वर्तमान प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अभय चौधरी के भाई अनूप चौधरी का निधन हुआ है लेकिन बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष को शोक संवेदना व्यक्त करना श्री सिलावट के कार्यक्रम में शामिल नही है। ऐसे ही नरेंद्र सिंह समर्थक मेला प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी सदस्य वेदप्रकाश शिवहरे के बडे भाई चिरोंजीलाल शिवहरे का भी कुछ माह पूर्व निधन हो गया था लेकिन वेदप्रकाश शिवहरे के यहां भी शोक संवेदना का कोई कार्यक्रम मंत्री के प्रोग्राम में शामिल नही है। जबकि वेदप्रकाश शिवहरे की पत्नी श्रीमती सुनीता शिवहरे भी बीजेपी की जिलाउपाध्यक्ष है।
हांलाकि कुछ बीजेपी नेताओं का कहना है कि मंत्री श्री सिलावट के कार्यक्रम में इन दोनों नेताओं के निवास पर शोक संवेदना का कार्यक्रम भूलवश छूट गया होगा। लेकिन इस बात को मानने वाले ज्यादा है कि इन्हे जानबूझकर ही दरकिनार किया गया है। बहरहाल ये बतौर प्रभारी मंत्री श्री सिलावट की पहली यात्रा है आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। कि वो सबको साथ लेकर चलना चाहते है या फिर कहानी कुछ और बुनी जाएगी।