दर्ज होनी चाहिए थी एफआईआर, अधिकारियों ने किया केवल तबादला

रिकॉर्ड कीपर आकाश गुप्ता का तबादला आदेश

सिंधिया से लेकर सिलावट तक को गुमराह करने वाला स्वास्थ्य विभाग का रिकार्ड कीपर

ग्वालियर। स्वास्थ्य विभाग के एक रिकार्ड कीपर आकाश गुप्ता ने फर्जी पदनाम का आवेदन तैयार कर न केवल अपना पदनाम रिकार्ड कीपर से सहायक ग्रेड 3 के पद पर करवा लिया, बल्कि अपना तबादला भी जबलपुर से ग्वालियर करवा लिया। जबकि ग्वालियर में रिकार्ड कीपर का पद ही स्वीकृत नही है। आकाश गुप्ता के ग्वालियर तबादले के बदले जिस सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी योगेश गुप्ता का तबादला ग्वालियर से जबलपुर से कर दिया गया था उसकी शिकायत पर जांच की गई, जिसमें पाया गया कि आकाश गुप्ता ने फर्जी तरीके से अपना पदनाम बदलकर आवेदन दिया, जो भ्रामक और कूटरचित था जिसके बाद 22 जनवरी को आकाश गुप्ता का तबादला फिर ग्वालियर से जबलपुर कर दिया गया है।

कांग्रेस सरकार के शासनकाल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जबलपुर में रिकार्ड कीपर के पद पदस्थ आकाश गुप्ता ने स्वयं के व्यय पर ग्वालियर स्थानांतरण के लिए आवेदन दिया था आकाश गुप्ता ने आवेदन में अपना पदनाम रिकार्ड कीपर न लिखकर फर्जी तरीके से सहायक ग्रेड 3 लिख दिया। लेकिन आकाश गुप्ता की इस होशियारी पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नही गया। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकारी-कर्मचारियों ने सहायक ग्रेड 3 के पद पर ही आकाश गुप्ता का तबादला जबलपुर से ग्वालियर कर दिया। कमाल की बात तो ये है कि आकाश जिस मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जबलपुर में रिकार्ड कीपर के पद पर पदस्थ था वहां से भी उसको रिलीव सहायक ग्रेड 3 के पद से किया गया। जिसके बाद ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में भी आकाश ने सहायक ग्रेड 3 के पद पर ही जॉईन कर लिया। आकाश के बदले ग्वालियर में पदस्थ वास्तविक सहायक ग्रेड 3 योगेश गुप्ता को जबलपुर भेज दिया गया।

तबादले के लिए सिंधिया को भी आकाश ने खुद को सहायक ग्रेड 3 बताया

आकाश गुप्ता के फर्जीवाडे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने कांग्रेस शासनकाल में करीब 2 साल पहले जबलपुर से ग्वालियर सहायक ग्रेड 3 के पद पर तबादले के लिए अपनी पारिवारिक परेशानियां बताते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा। इस पत्र में भी उसने गुमराह करने की नीयत से पदनाम सहायक ग्रेड 3 ही लिखा। सिँधिया ने आकाश के पत्र पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट को सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए भी पत्र लिखा। सिँधिया के इसी पत्र पर स्वास्थ्य मंत्री ने आकाश गुप्ता का तबादला ग्वालियर करने के निर्देश दिए थे।

योगेश गुप्ता की शिकायत पर खुली पोल

आकाश गुप्ता की जगह ग्वालियर से जबलपुर भेजे गए सहायक ग्रेड 3 योगेश गुप्ता को जब जबलपुर से जानकारी का पता चला कि आकाश गुप्ता का पद तो रिकार्ड कीपर का है जबकि ग्वालियर में रिकार्ड कीपर का पद ही स्वीकृत नही है। ऐसे में उसने फर्जीवाडा कर तबादला कराया है तो योगेश गुप्ता ने इसकी शिकायत की। जिसके बाद मामले की जांच हुई और आकाश की पोल खुल गई।

एफआईआर होनी थी दर्ज, केवल तबादला किया

22 जनवरी 2020 को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं के अपर संचालक डॉ कैलाश बुंदेला ने आदेश जारी कर आकाश गुप्ता का तबादला ग्वालियर से जबलपुर पुनः रिकार्ड कीपर के पद पर कर दिया है। अपने आदेश में अपर संचालक ने लिखा है कि आकाश गुप्ता द्वारा स्थानांतरण के हेतु प्रस्तुत आवेदन भ्रामक एवं कूटरचित है। ऐसे में कूटरचित आवेदन देने के मामले में आकाश पर एफआईआर दर्ज होना चाहिए। लेकिन उसे बचाने के लिए केवल तबादला किया गया है। जबकि उसने जानबूझकर न केवल शासन बल्कि जनप्रतिनिधियों को भी कूचटरचित पदनाम से पत्र लिखे है।

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