
कैट और चेंबर की कोल्डवार का भी असर मेला आयोजन पर
ग्वालियर व्यापार मेले के लिए 22 दिसंबर को म.प्र. के एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल को 15 जनवरी से मेला लगाने का आश्वासन दिया था लेकिन 10 दिन बाद भी अभी तक मंत्रालय की तरफ से कोई आदेश ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के प्रशासनिक अधिकारियों को नही मिला है। मंत्री श्री सखलेचा से मिलने वाले व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल में कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (केट) और ग्वालियर व्यापार मेला व्यवसाई संघ शामिल था। हांलाकि इससे पहले म.प्र.चेंबर ऑफ कॉमर्स एँड इंडस्ट्रीज, ग्वालियर ने शासन को मेला की तिथि घोषित करने के लिए पत्र जरूर लिखा था लेकिन अब चर्चा है कि मेला एपिसोड में केट की एंट्री के बाद चेंबर ने कन्नी काट ली है।
केट और मेला व्यवसाई संघ की बनी जोडी
हर साल तय समय पर लगने वाले ग्वालियर व्यापार मेले का आयोजन इस बार कोविड की वजह से संशय में था। लेकिन व्यापारी मेला लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। ग्वालियर व्यापार मेला व्यवसाई संघ अपने स्तर पर शासन और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क कर रहा था इसी बीच चेंबर ऑफ कामर्स ने भी शासन को पत्र लिखकर आग्रह किया, कि जल्द से जल्द मेला आयोजन की तिथि घोषित की जाए। इस मामले में ट्विस्ट तब आया, जब चेंबर द्वारा पत्र लिखने के अगले ही दिन व्यापारियों की संस्था कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश प्रमुख भूपेंद्र जैन के साथ व्यापार मेला व्यवसाई संघ के प्रतिनिधि एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा से भोपाल में जाकर मिले, इसके बाद दोनों ही व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि मंत्री श्री सखलेचा ने 15 जनवरी से मेला लगाने की घोषणा कर दी है।
प्रेस कांन्फ्रेंस की वजह से मामला उलझने की चर्चा
भोपाल में मंत्री से मिलने के बाद अगले ही दिन केट के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र जैन के साथ मेला व्यवसाई संघ के प्रमुख प्रतिनिधि महेंद्र भदकारिया, अनिल पुनियानी और महेश मुदगल ने जीवाजी क्लब में प्रेसवार्ता के माध्यम से मेला आयोजन की घोषणा की। इस दौरान दोनों संगठनों ने अपने प्रयास भी साझा किए। चर्चा है कि इस संयुक्त प्रेसवार्ता की वजह से कई लोगों की त्यौरियां चढ गई, जिसमें राजीनितिक और व्यापारिक संगठन से जुडे लोग शामिल हैं। मेला आयोजन की इस तरह से घोषणा किया जाना पंसद नही किया गया। जिसकी वजह भी मेला अटकना बताया जा रहा है।
मेले के आयोजन की घोषणा का क्रेडिट बडी वजह
मेला प्राधिकरण के सूत्रों की मानें तो इस बार मेला खटाई में पडता नजर आ रहा है क्योंकि जिस तरह से 10 दिन पहले जोर शोर से प्रचारित कर दिया गया था कि मेला 15 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। और करीब 2 माह तक इसे लगाने की तैयारी है। इस वजह से शासन स्तर पर थोडी नाराजगी भी है। वहीं राजनीति से जुडे सूत्र बताते है कि ग्वालियर व्यापार मेला एक बडा आयोजन है। ऐसे में कोविड के दौर में मेले की घोषणा या तो सीएम, या शासन स्तर पर ग्वालियर से किसी मंत्री या फिर राज्यसभा सांसद श्री सिंधिया द्वारा की जाना चाहिए थी लेकिन व्यापारिक संगठनों के स्तर पर सबकुछ हो गया। ये वजह भी मेला आयोजन लटकने की बताई जा रही है।
इनका कहना है –
पी.सी. वर्मा, सचिव, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण – अभी प्राधिकरण के पास शासन से किसी भी तरह का कोई आदेश मेले के आयोजन को लेकर नही आया है। जब आदेश आएगा, तभी मेले को लेकर तैयारियां शुरू की जाएँगी। आदेश आने के बाद से मेला आयोजन की तैयारियों को लेकर कम से कम एक महीने का वक्त लग जाता है।
अनिल पुनियानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मेला व्यवसाई संघ – हमे उम्मीद है कि 5 जनवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मेला आयोजन का प्रस्ताव पास हो जाएगा। और इसकी घोषणा हो जाएगी। मेला आयोजन को लेकर किए जा रहे प्रयास में मेला व्यवसाई संघ और केट की प्रमुख भूमिका रही है और केट ने इसमें काफी योगदान दिया है जहां तक चेंबर की बात है तो उन्होने केवल पत्र लिखे है पत्र लिखने से कुछ नही होता, अगर पत्र लिखने से ही मेला लग जाता, तो फिर बात ही क्या थी।
महेंद्र भदकारिया, अध्यक्ष, मेला व्यवसाई संघ – हमें नही लगता कि मेला लगवाने के लिए चेंबर ने कोई बहुत ज्यादा प्रयास किया है। जो भी मेला आयोजन में रोड़ा अटकाने का प्रयास करेगा, उसे उसका परिणाम देर सवेर मिल ही जाएगा।
भूपेंद्र जैन, प्रदेशाध्यक्ष, केट – मंत्री जी ने तो घोषणा कर ही दी थी, लेकिन कोविड के नए स्ट्रेन की वजह से थोड़ा लेट हो रहा है। सिंधिया जी ने भी इस बात पर सहमति दी है कि मेला जरूर लगेगा। उन्होने मुख्यमंत्री जी से भी बात की है। केट ने मंत्री जी घोषणा के बाद भी लगातार अपने प्रयास जारी रखे है। हो सकता है कि मेला घोषित तिथि से थोडा विलंब से लग पाए, लेकिन मेले के आयोजन का आश्वासन हमे मिल चुका है। चेंबर का काम ग्वालियर तक है तो उन्होने यहां से जो हो सकता है वो प्रयास किए। केट दिल्ली से लेकर प्रदेश तक में सक्रिय है केट का कार्यालय भोपाल में भी है इसका लाभ हमने मेला व्यापारियों को मेला आयोजन में दिलवाने का प्रयास किया है।
प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव, चेंबर ऑफ कामर्स – चेंबर ने मेले के आयोजन के लिए लगातार प्रयास किए है। चेंबर ने पत्र लिखे है इस संबंध में सीएम, मंत्री और सिंधिया जी से चर्चा भी की है। इन प्रयासों के परिणाम जल्दी ही मेले के आयोजन को लेकर नजर आएंगे। अब इस बारे में चेंबर की भूमिका को लेकर कोई क्या कह रहा है मैं इस पर टिप्पणी नही करूंगा।