ग्वालियर/भोपाल25सितंबर2025। सड़क हादसों के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेशभर में चल रही 1718 बसों की जांच में 700 से अधिक बसें ऐसी मिलीं, जिनमें फर्स्ट एड बॉक्स तक उपलब्ध नहीं था। विभाग ने इन सभी पर चालानी कार्यवाही की है, जबकि 16 बसों और 13 अन्य वाहनों को जब्त कर लिया गया है।
यह विशेष जांच अभियान 22 सितम्बर से शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री की परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह साफ निर्देश दिए गए थे कि सभी यात्री वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स होना अनिवार्य किया जाए, ताकि हादसे की स्थिति में यात्रियों को तत्काल प्राथमिक उपचार मिल सके।
नियम तोड़ने वालों पर सख्ती
सहायक आयुक्त परिवहन किरण कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के तहत फर्स्ट एड बॉक्स रखना हर यात्री वाहन के लिए जरूरी है। विभाग ने सभी बस संचालकों और चालकों को सख्त चेतावनी दी है कि फर्स्ट एड बॉक्स तुरंत उपलब्ध कराएं, अन्यथा भविष्य में परमिट तक रद्द किया जा सकता है। परमिट की शर्तों में अब फर्स्ट एड बॉक्स की अनिवार्यता का विशेष उल्लेख किया जाएगा।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
परिवहन विभाग ने साफ किया है कि यह अभियान लगातार चलेगा। विभाग का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। अब हर बस में फर्स्ट एड बॉक्स रखना अनिवार्य होगा और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।