इंदौर की तर्ज पर ग्वालियर में भी भिक्षावृत्ति रोकने लगे प्रतिबंधात्मक आदेश, हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने कलेक्टर को लिखा पत्र

ग्वालियर08मार्च2025। इंदौर में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए वहां के जिला प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सख्त कार्यवाही शुरू कर दी है। उसी तर्ज पर ग्वालियर में भी सड़कों पर छोटे बच्चों और महिलाओँ द्वारा भिक्षावृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है इसे लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में अधिवक्ता विनय हासवानी ने कलेक्टर को पत्र लिखा है

हासवानी ने पत्र के माध्यम से कलेक्टर से कहा है कि आपकी पदस्थापना के बाद से ही ग्वालियर शहर के लिए आपके द्वारा किए जा रहे कार्य अत्यंत सराहनीय हैं | मैं अधिवक्ता (डॉ.) विनय हासवानी आपका ध्यान ग्वालियर शहर में विगत कई वर्षों से पनप रही एक गंभीर समस्या की और केंद्रित करना चाहता हूँ | मेरे द्वारा यह देखा गया है कि ग्वालियर शहर में लगभग हर जगह भिक्षावृत्ति पनप रही है

अतः यह तथ्य आपके संज्ञान में लाया जाना आवश्यक है  की  ट्रैफिक सिग्नल, चौराहों, धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों द्वारा स्वयं या अपने परिवारों के साथ भिक्षावृत्ति की जाती है। जिनमे प्रायः देखने को मिलता है की ग्वालियर की भीषण गर्मी में दोपहर की भरी धूप में कुछ महिलायें अपने दूधमुहें बच्चों तक को गौद में लिए भीख मांगती हुई दिख जाती हैं | छोटे छोटे बच्चों से जिनकी उम्र 2-3 वर्ष से लेकर 14-15 वर्ष की होती है उनको, उनके अभिभावकों द्वारा जबरन भिक्षावृत्ति कराई जाती है,

 उक्त भिक्षावृत्ति से एक ओर जहां ये लोग भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगायें जाने संबंधी शासन के आदेशों की अवहेलना कर रहे है वहीं दूसरी ओर आम जन के सामान्य यातायात आदि में एवं सुगम जीवन में व्यवधान उत्पन्न करते हैं, भिक्षावृत्ति की रोकथाम से कहीं न कहीं मानव तस्करी जैसे अपराधों पर भी अंकुश लगेगा । ग्वालियर जिले में इस प्रकार की भिक्षावृत्ति में अन्य राज्यों एवं शहरों के व्यक्ति भी संलिप्त रहते है, जिनमें कई व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास भी रहता है।

भिक्षावृत्ति कार्य में संलग्न अधिकांश व्यक्ति नशे या अन्य गतिविधियों में भी लिप्त होते हैं। इसी तरह भिक्षावृत्ति कराने की आड़ में कई आपराधिक गतिविधियां भी संचालित की जाती हैं। ट्रैफिक सिग्नलों पर भिक्षावृत्ति के कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। यह भी सर्वविदित है कि भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है।

शासन द्वारा भी भिक्षावृत्ति को रोकने हेतु समय-समय पर समुचित निर्देश जारी किये जाने चाहियें। भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के दल गठित किये जाने चाहियें, जो लगातार भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए प्रयास करें एवं विभिन्न सोशल मीडिया, डिजीटल एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाना चाहिए। भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को रेसक्यू कर उनके पुनर्वास की भी योजना बनानी चाहिए । भिक्षावृत्ति रोकथाम एवं इस सामाजिक बुराई का निवारण अत्यन्त आवश्यक है।

अतः अनुरोध है कि शीघ्र-अतिशीघ्र भिक्षावृत्ति की रोकथाम हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया जाना न्यायोचित होगा एवं इससे हमारे शहर के विकास को भी गति मिलेगी

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