
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर29दिसंबर2023। ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह में पदस्थ एक महिला मेडीकल आफीसर की जाति प्रमाण पत्र को लेकर गड़बड़ी सामने आ रही है। इन मेडीकल आफीसर के पति भी डॉक्टर है और जीआर मेडीकल कॉलेज में प्रोफेसर होने के साथ ही एक विभाग के एचओडी भी है। डॉक्टर दंपत्ति ने नौकरी के लिेए जो जाति प्रमाण पत्र जमा किए है। उनमें महिला मेडीकल आफीसर के जाति प्रमाण पत्र में गड़बड़ी सामने आ रही है।
दरअसल मेडीकल आफीसर ने नौकरी के लिए जो जाति प्रमाण पत्र विभाग को दिया है। उसमें उनके पिता की जगह पति का नाम दर्ज है। जबकि जाति प्रमाण पत्र के नियमों के हिसाब से जो जाति पिता की होती है वही जाति उसकी संतानों की मान्य होती है। पति या पत्नी की जाति का लाभ एक दूसरे को कभी भी नही दिया जा सकता है। लेकिन इन मेडीकल आफीसर के जाति प्रमाण में पिता की जगह पति का ही नाम दर्ज है। अब ये जाति प्रमाण मेडीकल आफीसर ने किस तरह बनवा लिया, ये गंभीर जांच का विषय है।
वहीं मेडीकल आफीसर ने पहले विभाग में मेन्यअल बना हुआ जाति प्रमाण पत्र दिया था जिसमें प्रकरण नंबर भी दो दर्ज थे जिस पर शिकायत हुई तो मेडीकल आफीसर ने आनलाइन नया जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया, जिसमें प्रकरण नंबर एक ही दर्ज है। शिकायत पर सुनवाई के दौरान मेडीकल आफीसर का पक्ष था कि लिपिकीय त्रुटि की वजह से दो प्रकरण नंबर दर्ज हो गए थे लेकिन इसे अब नए प्रमाण पत्र में सुधार लिया गया है।
लेकिन खास बात ये है कि दोनों ही जाति प्रमाण पत्रों में पिता की जगह पति का ही नाम दर्ज है इससे लगता है कि नौकरी हासिल करने के लिए सांठगांठ कर ये प्रमाण पत्र हासिल किया गया है। जयारोग्य अस्पताल में पदस्थ ये मेडीकल आफिसर प्रतिनियुक्ति पर आई है और करीब पांच-छह साल से यहां पदस्थ है।


