ग्वालियर03नवबंर2023। भाजपा के वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया का बड़ा बयान सामने आया है। पवैया ने कहा है कि राम मंदिर राष्ट्र के सम्मान का प्रतीक स्मारक है। इसके लिए हम (भाजपा के लोगों ने) अपना ख़ून पसीना बहाया है। इसलिए हम तो इस ऐतिहासिक क्षण के लिए खुशियां मनाएंगे कांग्रेस यदि दुखी है तो वो बाबरी ढांचे की फोटो लगाकर बाबर के वंशजों से वोट मांगे किसने रोका है। साथ ही पवैया ने कहा कि मराठा समाज के आंदोलन को लेकर महाराष्ट्र की सरकार संवेदनशील तरीके से कदम उठा रही है। मुझे विश्वास है निर्धारित समय सीमा में इसका हल निकल आएगा।
भाजपा के संभागीय मीडिया सेंटर पर पत्रकारों से बात करते हुए पवैया ने कहा अब से कुछ दिन बाद अयोध्या में इतिहास की बड़ी घटना होने वाली है पांच सदी बाद रामलला भव्य मंदिर में विराजने वाले हैं, एक सपना पूरा होने वाला है जिसके लिए एक राजनीतिक दल के रूप में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने खून पसीना बहाया, जेल काटी , हम लोग तो खुशियां मनाएंगे और चुनाव में राम मंदिर का पोस्टर लगेगा वोट मांगेंगे क्योंकि ये किसी सम्प्रदाय का मुद्दा नहीं है राम मंदिर राष्ट्र के सम्मान का स्मारक है।
प्रखर हिंदूवादी नेता पवैया ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से कांग्रेस दुखी है क्योंकि उसने इसके खिलाफ वकील खड़े किये, विरोध किया, जब कार सेवकों पर गोलियां चलीं उसका समर्थन किया, तो बाबरी ढांचे के फोटो के साथ अपने नेताओं के रोते हुए फोटो लगाये और बाबर के वंशजों से वोट मांगे किसने रोका है ? चुनाव में विकास मुद्दा है कि नहीं, इस सवाल के जवाब में पवैया ने कहा कि भाजपा की सरकार पांच साल गरीब कल्याण और विकास के काम करती है और उन्हें लेकर हम चुनाव में जनता के बीच जा रहे हैं, आज लाड़ली बहना योजना की चर्चा शहर से लेकर गांव की हर गली में है लेकिन हम मुद्दों को भी साथ लेकर चलते हैं जो राष्ट्र जीवन को प्रभावित करते हैं, कोई बताये इन पर चर्चा क्यों नहीं होनी चाहिए ?
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पवैया ने कहा कि आज आतंकवादी संगठन हमास के विरोध में भारत खड़ा है लेकिन उसके समर्थन में कांग्रेस है। खरगोन में कांग्रेस उम्मीदवार आतंकवादियों के लिए आंसू बहाकर श्रद्धांजलि सभा कर रहा है तो क्या ये मानवता के दुश्मनों को श्रद्धांजलि देने जैसा नहीं है? क्या ये भारत सरकार की आतंकवाद के विरुद्ध नीति के खिलाफ खड़े होने का देश विरोध कार्य नहीं है? ये भी बिलकुल मुद्दे बनेंगे। महाराष्ट्र में मराठा आन्दोलन के सवाल पर महाराष्ट्र के सह प्रभारी पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की सरकार ने बहुत संवेदनशील तरीके से चर्चा की है, 2 जनवरी तक का जो समय आन्दोलनकारियों ने दिया है मुझे उम्मीद है कि न्याय प्रक्रिया की बाधाओं को पार करते हुए उनके पक्ष में कुछ न कुछ ऐसा होगा कि मराठा समाज को न्याय मिलेगा ।