
ग्वालियर07सितंबर2023। ग्वालियर में फूलबाग स्थित रियासतकालीन गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। मंदिर में विराजमान भगवान राधा-कृष्ण की मूर्ति का सिंधिया रियासत के समय बने 100 करोड़ के हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्नों से जड़े बेशकीमती गहनों से श्रृंगार किया गया।
इन गहनों को कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर से निकालकर मंदिर तक पहुंचाया गया था। इससे पहले भगवान राधाकृष्ण की मूर्ति का दूध, दही और जल से अभिषेक करने के उपरान्त इन बेशकीमती गहनों को भगवान राधा-कृष्ण को पहनाकर आरती उतारी गई। भगवान राधा-कृष्ण की आरती करने के बाद भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर के पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार ऐतिहासिक अमूल्य आभूषणों के साथ कर पूजा अर्चना की गई। गोपाल मंदिर में आज भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर प्रातः 10 बजे भगवान राधाकृष्ण के श्रृंगार के लिए भारी पुलिस सुरक्षा के साथ सेन्ट्रल बैंक के लॉकरों से भगवान के गहने निगमायुक्त हर्ष सिंह द्वारा गठित समिति की मौजूदगी में निकाले गए तथा मंदिर में गहनों की देखभाल के बाद गहनों से भगवान का श्रंृगार किया गया।
सोना-चांदी के माता राधा के सात लड़ी के हार में पन्ना, हीरे और माणिक जड़े हुए हैं। राधा-कृष्ण दोनों के मुकुट में हीरे के साथ ही पदम, पन्ना जड़े हैं। कृष्ण की बांसूरी सोने की है और उस पर भी हीरे लगे हैं। राधा-कृष्ण के हार में बेशकीमती नीलम, पुखराज, पन्ना, माणिक लगे हैं। पूरे गहने सोने के हैं और उनमें हीरे, मोती, पन्ना, माणिक, नीलम, पुखराज ऐसे लगे हैं जैसे आकाश में तारे चमक रहे हों। भगवान के श्रृंगार के उपरांत पूजा अर्चना के पश्चात आम श्रद्वालुओं के लिए पट खोल दिए गए। उसके पश्चात गोपाल मंदिर पर श्रद्वालुओं की लम्बी कतारें भगवान के इस मनोहरी अलौकिक स्वरुप की एक झलक पाने के लिए लगी रहीं।
वहीं गोपाल मंदिर पर भव्य एवं आकर्षक लाईटिंग कर फूल बंगला सजाया गया, जो भक्तों के आकर्षण का केन्द्र रहा। गोपाल मंदिर में 100 करोड़ रुपए के एंटीक व बेशकीमती गहनों से सजे राधा-कृष्ण की सुरक्षा और यहां दर्शन के लिए आने वाले हजारों भक्तों की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए 200 से ज्यादा जवान व अफसर तैनात रहे। मंदिर के अंदर से लेकर बाहर और सड़कों तक एक सैकड़ा सीसीटीव्ही कैमरे भी सुरक्षा की दृष्टि से लगाये गये थे। जिससे मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक निगरानी रखी गई।
यहां बता दें कि गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और पहनाने के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें भगवान राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और माणिक लगे हैं, सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं।
हर साल जन्माष्टमी पर इन जेवरातों से भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण पर चढ़ाए जाने वाले इन बेशकीमती व एंटीक गहनों का रख-रखाव और उनको बैंक से निकालने का काम नगर निगम प्रशासन के जिम्मे रहता है। देश की आजादी से पहले तक भगवान इन जेवरातों को धारण किए रहते थे, लेकिन आजादी के बाद से जेवरात बैंक के लॉकर में रखवा दिए गए, जो 2007 में नगर निगम की देखरेख में आए और तब से लेकर हर जन्माष्टमी पर इन्हें लॉकर से निकाला जाने लगा। तभी से लगातार हर जन्माष्टमी पर इन बेशकीमती गहनों से भगवान राधा-कृष्ण सजते हैं।
डीआईजी, एसपी, कमिश्नर, कलेक्टर, गुना सांसद ने भी किये दर्शन
सौ करोड़ के जेवरातों से सजे भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमाओं के दर्शन गुना सांसद केपी यादव, डीआईजी कृष्णावेणी देशावतु, एसएसपी राजेश चंदेल, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह व निगम कमिश्नर हर्ष सिंह ने भी किये।