ABV-IIITM ग्वालियर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर हुआ ज्ञानोत्सव का आयोजन

ग्वालियर 3सितंबर 2023।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पाश्चात्य औरा से बाहर निकाल कर भारतीय परंपराओं पर केन्द्रित है: डॉ गोविंद प्रसाद शर्मा

“अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर, एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली मध्य भारत प्रांत ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “ज्ञानोत्सव” कार्यक्रम में उक्त विचार नई शिक्षा नीति के महत्व को प्रकट करते हुए मुख्य वक्ता बुक ट्रस्ट आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नेशनल ऑब्जर्वर कमेटी के सदस्य डॉक्टर गोविंद प्रसाद शर्मा जी ने कहीं। मुख्य अतिथि प्रो अविनाश तिवारी कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय ने नीति का मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के
क्रियान्वयन से छात्रों को न केवल नए अवसर मिलें, बल्कि उनके शिक्षा कौशलों को भी सुधारा जा सकेगा। पर इसके लिए धरातल पर कार्य होने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि डॉ दीपक पांडेय , संयुक्त संचालक स्कूली शिक्षा, ग्वालियर संभाग ने विद्यालयीन स्तर पर शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के प्रयासों की बात कही। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो एस एन सिंह निदेशक अटल बिहारी वाजपेई भारतीय प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान ने की। विशिष्ट अतिथि श्री अशोक कड़ेल, निदेशक म प्र हिंदी ग्रंथ अकादमी ने शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला। मंच पर कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो अनुराग श्रीवास्तव ने आभार तथा संयोजक प्रो राजेन्द्र वैद्य ने न्यास का परिचय और विषय की रुपरेखा रखी। इस सत्र का अंत स्वामी सुप्रदिप्तानंद, सचिव , रामकृष्ण मिशन ने शिक्षा को आनंद का विषय बताते हुए ऊर्जा उत्पन्न की बात उदाहरणों से समझाई।
द्वितीय सत्र में श्रीमती अनीता शर्मा राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय
शिक्षा नीति क्रियान्वयन समिति ने ने संबोधित किया । संस्था के प्रो डॉ. अशोक कड़ेल, प्रोफेसर डॉ. कपिल कांत स्वामी जी ने इस बारे में बताया कि शिक्षा के नए तरीकों को हमारे पूर्वजों के ज्ञान के साथ मिलाकर प्राथमिक बनाना शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने हमें यह सिखाया कि हमें आपस में परस्पर प्रेम की भावना रखनी चाहिए, जब तक यह नहीं होता, तब तक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है। अन्य वक्ताओं ने भी इस बारे में जोर दिया कि शिक्षा सिर्फ तथ्यों को याद करने और परीक्षा देने के बारे में नहीं है, बल्कि यह वास्तव में चीजों को प्राकृतिक रूप से सीखने के बारे में है। अपने जीवन में ज्ञान को लागू करना सबसे महत्वपूर्ण है, और यह शिक्षा का वास्तविक अर्थ है – नई शिक्षा नीति इस बात पर बल देती है। संस्थान के इस कार्यक्रम में स्कूल के छात्रों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी भी शामिल थी। यह कार्यक्रम नईj शिक्षा नीति को बढ़ावा देने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें कॉलेज के छात्रों ने भी भाग लिया और इसे एक सफल कार्यक्रम बनाया।

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