शासकीय व अशासकीय संस्थाओं में महिलाओं के लिये इँटरनल कंम्पलेंट कमेटी अनिवार्य, न होने पर 50 हजार तक का जुर्माना

ग्वालियर 25 जुलाई 2023/ महिलाओं को कार्यस्थल पर सुगम वातावरण व सुरक्षा प्रदान करने के लिये मजबूत शिकायत तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है। साथ ही आंतरित परिवाद समिति का गठन करना भी अनिवार्य है। महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम में इस आशय का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। अधिनियम के प्रावधानों का पालन कराने के लिये हर जिले में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदेन जिला अधिकारी की जबाबदेही सौंपी गई है।

जिले की समस्त शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं ने आंतरित परिवाद समिति का गठन सुनिश्चित करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री राहुल पाठक ने सभी कार्यालय प्रमुखों से अपील की है। साथ ही समिति का गठन कर जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में इसकी जानकारी देने को कहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे शासकीय या अशासकीय क्षेत्र जहाँ 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं वहाँ आंतरित परिवाद समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है।

अधिनियम में समस्त शासकीय विभाग, संगठन, उपक्रम, मण्डल, निगम, कंपनी, स्थानीय प्राधिकरण, प्रायवेट सेक्टर, प्रायवेट उद्यम, सोसायटी, न्यास, गैर सरकारी संगठन, अस्पताल, परिचार्यग्रह, खेलकूद संस्था, स्टेडियम, स्कूल, कॉलेज, बैंक एवं अन्य ऐसे निवासग्रह अथवा असंगठित क्षेत्र जहाँ 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है वहाँ आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाना है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी संस्था द्वारा आंतरित परिवाद समिति का गठन नहीं किया जाता है तो अधिनियम के तहत संबंधित संस्था के प्रमुख / नियोजक पर 50 हजार रूपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है। विस्तृत जानकारी के लिये कलेक्ट्रेट के कक्ष क्र.- 216 में स्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। कार्यालय का दूरभाष नम्बर 0751-2446216 है।

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