
ग्वालियर08फरवरी2023।ग्वालियर। आज दोपहर में ग्वालियर स्टेशन पर लगी एक शिला पटिटका पर एक व्यक्ति द्वारा किये गये टिवट से काफी बबेला मचा। यह टिवट जिस व्यक्ति ने किया था उसने शिला पटिटका में लिखे राजपूत प्रतिहार शब्द पर आपत्ति जताई और मुख्यमंत्री से लेकर पीएमओ और संस्कृति पर्यटन मंत्री मप्र को भी टेग कर दिया। टिवट के बाद काफी बाबेला मचा। मप्र सरकार से लेकर रेलवे तक के आला अफसर इसकी सत्यता तलाशने सक्रिय हुये। जिस कारण दोपहर से सायं तक काफी चर्चाएं विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर भी चलती रही।
जबकि टिवट जिस व्यक्ति ने शिला पटिटका का फोटो लेकर किया है वह शिला पटिटका का फोटो उन्होंने स्पष्ट नहीं लिया और न ही उसे बारीकी से पढ़ा, जिससे भ्रांतियां उत्पन्न हुई। इस प्रतिनिधि ने स्पाट पर जाकर वस्तुस्थिति देखी तो सारी स्थिति साफ हो गई। यह शिला पटिटका रेलवे स्टेशन के वीआईपी कक्ष के बाहर लगी हैं जिसमें ग्वालियर की शौर्य और गौरवगाथा दोहराई गई हैं। इस शिला पटिटका से मप्र शासन के पर्यटन और संस्कृति विभाग और न ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की राज्य सरकार का संबंध हैं। इस शिला पटिटका को रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने पुरातत्व विभाग से बिंदुवार जानकारी लेकर ही लिखवाया हैं। इसको भी लिखे चार-पांच वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका हैं।
शिला पटिटका को लेकर टिवट करने वाले व्यक्ति की आपत्ति यह है कि राजपूत को प्रतिहार लिखा है, जबकि शिला पटिटका के हिसाब से संगीत शौर्य और संतों का नगर ग्वालियर देश का ऐतिहासिक नगर है जो राजपूत, प्रतिहार, कछवाहे, तोमर और मराठा (सिंधिया) राज्यों की शोभा बढ़ाता रहा हैं। यहां पर स्थित प्राचीन किले व मंदिर देश भव्य इतिहास की गाथा के संवाहक हैं।
