ग्वालियर20जनवरी2023। गवाही पलटने के एवज में 3 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए एक डॉक्टर को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ दबोच लिया। हालांकि पकड़े जाने के बाद वह बहाने बनाने लगे। लेकिन पुलिस के पास पुख्ता सबुत थे, जिनके आगे उन्हे चुप होना पड़ा।
पुलिस के मुताबिक भिंड मे सर्जीकल स्पेशलिस्ट के पद पर पदस्थ डॉ जीआर शाक्य को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा है। सिहोनी महाराजपुरा निवासी मुन्नालाल कुश्वाह से एक मामले में डॉक्टर ने बयान उसके पक्ष में देने के लिए 5 हजार रूपए की रिश्वत मांगी थी। जिसमें दो हजार रूपए मुन्नालाल उन्हें दे चुका था। तीन हजार रूपए की ओर मांग कर रहे थे। डॉक्टर का कहना था कि जब तक पूरे पैसे नहीं आ जाते वे उसके पक्ष में बयान नही देगे। परेशान होकर मुन्नालाल ने लोकायुक्कत मे शिकायत की। इसके बाद डॉक्टर को ट्रेप करने की योजना बनी। पहले तो मुन्नालाल और डॉक्टर की बातचीत रिकॉर्ड की गई। डॉक्टर ने मुन्नालाल को अपने घर बाकी पैसे देने के लिए शुक्रवार को बुलाया। मुन्नालाल को पुलिस टीम ने 3 हजार रूपए थमाकर डॉक्टर के पास भेजा। पीछे से लोकायुक्त की टीम भी पहुंच गई। जैसे ही मुन्नालाल ने डॉक्टर को तीन हजार रूपए थमाए, पहले से तैयार बैठी लोकायुक्त की टीम वहां जा पहुंची और रंगे हाथ डॉक्टर को पकड़ लिया।
मुरार थाने लेकर आए
लोकायुक्त ने मुन्नालाल को पकड़ा तो प्राथमिक कार्रवाई मुरार अशोक कालोनी उसके घर पर ही की, परेशानी आने पर डॉक्टर को मुरार थाने लेकर आए और आगे की कार्रवाई की गई। हालांकि थाने में पीछे-पीछे डॉक्टर के परिजन भी पहुंच गए।
इसलिए मांगी थी रिश्वत
बताया जाता है कि मुन्नालाल के क्लीनिक पर एक छापा पड़ा था। जिसमें गोहद न्यायालय में मामला चल रहा था। डॉक्टर को उसमे ंबयान देने थे। मुन्नालाल के पक्ष में बयान देने के एवज मे ंवह रिश्वत मांग रहे थे।
इस टीम का काम
डॉक्टर को रंगे हाथ पकडऩे में डीएसपी प्रद्धुम्न पाराशर, इंस्पेक्टर रानीलता नामदेव, राघवेन्द्र ऋषीश्वर, भरत किरार, हेमंत शर्मा, जसवंत, राजेन्द्र, प्रमोद तोमर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।