लार्जर दैन लाइफ फिल्मों को पसंद करते है, तो KGF chapter2 आपके लिए ही बनी है जरूर देंखे

( जितेंद्र पाठक, ग्वालियर )

काफी दिनों से हाई वोल्टेज एक्शन से लबरेज फिल्म नही देखी थी ऐसे में KGF chapter 2 भी पर्दे पर आ गई थी सो इस बार रिलीज से पहले ही माउथ पब्लिसिटी से हिट हो चुकी KGF 2 को देखने के लिए मल्टीप्लैक्स का ही रूख किया। फिल्म के हीरो यश और KGF 2 कहानी के जबरा फैन दिखे मल्टीप्लैक्स में। काफी दिनों बाद किसी हीरो की एंट्री पर इस तरह सीटी बजाते और चिल्लाते हुए दर्शकों को देखा।

फिल्म निपटाने के बाद हमारे एक साथी ने प्रेरित किया, बोले-कलमची हो, तो कुछ लिख डालो इस पर भी, सो ट्राय कर रहा हूं।

पहली बात तो इस फिल्म के बारे में ये है कि अगर आप फिल्मों में लार्जन दैन लाइफ देखना चाहते है झन्नाटेदार एक्शन, तगडे डॉयलॉग और हीरो को सुपरहीरो की तरह देखना पसंद करते है तो बेझिझक बिना दिमाग लगाए इसे देख लीजिए, निर्देशक प्रशांत नील ने ये फिल्म आप ही के लिए बनाई है। यकीन मानिए इस हिसाब से पैसा वसूल फिल्म है अब कुछ चर्चा फिल्म को लेकर कर लेते है।

हांलाकि उन दर्शकों के लिए एक चेतावनी भी है जो KGF का पहला पार्ट देखे बिना इसे देखने जा रहे है क्योंकि अगर आप को पहले की कहानी नही पता है तो फिर शुरूआत का एक घँटा फिल्म समझना ही मुश्किल हो जाएगा, इसलिए या तो अपने बगल वाले से पुरानी कहानी पूछ लीजिएगा या फिर पहला पार्ट देखकर ही KGF chapter 2 मजा उठाने जाएं।

वर्ष 2018 में आई KGF का दूसरा पार्ट है है KGF chapter 2, फिल्म का निर्देश प्रशांत नील ने किया है हीरो का किरदार में यश है संजय दत्त, रवीना टंडन और श्रीनिधि शेट्टी फिल्म के दूसरे किरदारो को निभा रहे है करीब तीन साल में बनकर तैयार हुई ये फिल्म हिंदी सहित चार भाषाओं के दर्शकों को ध्यान में रखकर रिलीज की गई है।

शार्ट में फिल्म की कहानी है रॉकी भाई कोलार गोल्ड फील्ड के नए सरताज के तौर पर एँट्री करता है वहां के लोगों के लिए वो देवता है लेकिन KGF में पहले से काम कर रहा सिंडीकेट उसे बर्दाश्त नही कर पाता, वो रॉकी को निपटाने की प्लानिंग में है रॉकी ने अपने दिमाग और ताकत के बल पर KGF  में अलग साम्राज्य खडा कर लिया है एक तरह से उसने अलग देश बना लिया है उसके दुश्मन गरूड के भाई अधीरा की मदद करके उसका खात्मा करने की तैयारी करते है तो रॉकी के जिद्दी स्वभाव के चलते भारत की प्रधानमंत्री भी रॉकी का साम्राज्य खत्म करने की कसम खा लेती है गरीबों का मसीहा बना रॉकी किस तरह अपनी ताकत बढाने, साम्राज्य बचाने की कोशिश करता है तो दूसरी तरफ उसके खात्मे के लिए तैयार लोगों के बीच की ही कहानी है KGF chapter 2

राजा कृष्णप्पा बेरिया उर्फ रॉकी भाई के किरदार में यश का काम बेहद शानदार है अपने स्टायल और रॉकी के स्वैग का कॉम्बिनेशन जबरदस्त है। कोई भी सीन हो, यश ने अपनी एक्टिंग की छाप छोडी है इमोशनल सीन, एक्शन, डॉयलॉग डिलीवरी में यश साउथ के दूसरे हीरो की तरह लाउड न लगकर स्वाभाविक ही लगे है। अधीरा के रोल में संजय दत्त मेकअप और कॉस्ट्यूम के सहारे ही प्रभावशाली दिखे है हांलाकि उन्हे ज्यादा स्क्रीन टाईम नही मिला है लेकिन ये संजय दत्त का वो अभिनय नही है जो हिंद पट्टी के दर्शक देखते आए है भारत की प्रधानमंत्री के रमीका सेन के रूप में रवीना टंडन ने बेहतरीन अदाकारी की है पूर्व प्रधानमंत्री इँदिरा गांधी की याद दिलाती है मजबूत किरदार में है रवीना, फिल्म की हिरोइन श्रीनिधि शेट्टी के हिस्से में कुछ खास काम था नही, सो सपोर्टिंग रोल के हिसाब से ऐवरेज काम किया है.

बात निर्देशन की….निर्देशक प्रशांत नील ने KGF chapter 2 के रूप में जो दर्शकों को दिखाया है वो निश्चित रूप से पहले भाग से ज्यादा शानदार और दर्शकों की उम्मीद पर खरा उतरने वाला है फिल्म के हीरो यश और निर्देशक प्रशांत नील ने मिलकर इसे ब्लॉक बस्टर बनाने में कोई कसर नही छोडी है।सिनेमा हॉल में युवा दर्शकों की लगातार बजती सीटी और शोर इसका गवाह है इमोशनल सीन जहां वास्तव में भावुक करते है तो एक्शन देखकर आप अवाक रह जाते है प्रशांत नील द्वारा लिखी और निर्देशित इस फिल्म का मटेरियल आपको शुरू से अँत तक बांधे रखता है।वहीं कुछ भावनात्मक दृश्यों को भी कहानी में पिरोया गया है। खास बात है कि फिल्म अपना वादा पूरा करती है। प्रशांत नील द्वारा लिखी ये कहानी शुरु से अंत तक आपको बांधे रखती है। संजय दत्त और रवीना टंडन के चहरे हिंदी भाषी दर्शकों के लिए फिल्म का मजबूत पक्ष कहा जा सकता है हालांकि संजय दत्त के किरदार को जिस तरह लाया गया, उसे और बेहतर किया जा सकता था कुछ हिस्सों में फिल्म बेहद रफ्तार में है तो कुछ जगहों पर कहानी रूक सी लगती है खासकर फर्स्ट हॉफ में।लंबे एक्शन सीक्वेंस फिल्म की लंबाई भी बढाते है लेकिन कुल मिलाकर  फिल्म का क्लाईमैक्स बेहद शानदार और जस्टीफाई लगता है जिससे फिल्म की कमियां नजरअँदाज की जा सकती है।

फिल्म के एक्शन सीन बडे केनवास पर दिखाए गए है VFX का अच्छा इस्तेमाल है नयापन नजर आ जाता है कुछ जगह फिल्म में स्क्रीन ब्लैक आउट होती है वो कुछ चुभने वाला अनुभव है उज्जवल कुलकर्णी की एडिंटिंग फिल्म को गति देती है  तो सिनेमेटोग्राफर भुवन गौडा ने अपने काम से बताया है कि साउथ की फिल्में क्यों ब्लॉकबस्टर साबित होती है रॉकी की एंट्री से लेकर उसके हर सीन में कमाल का नयापन है स्लोमोशन में वॉक करता रॉकी, श्रीनिधि शेट्टी का कार से रॉकी का पीछा करने वाला सीन कमाल है फिल्म का हर सीन काबिल ए तारीफ शूट किया गया है।  

फिल्म का संगीत रवि बसरूर ने दिया है अच्छा कहा जा सकता है लेकिन सच तो ये है कि हिंदी भाषी दर्शक साउथ की फिल्मे गीत संगीत के लिए नही देखते है उसके लिए बॉलीवुड की काफी है तो यहां उसका जिक्र जरूरी नही लगता है।

कुछ सीन फिल्म देखने के बाद भी जेहन में बस जाते है जिसमें से एक है जिसमें चार सौ ग्राम सोने के लिए रॉकी मशीनगन की बडी अम्मा कही जाने वाली गन से पूरा सीबीआई हेडक्वार्टर ही उडा देता है और फिर मशीनगन की रक्त तप्त पिघलती सी नाल से सिगरेट जलाता है

कुछ जगहों पर आप लॉजिक न लगाए, क्योंकि साउथ की फिल्मों का ये गुणधर्म है अपने दिमाग को तकलीफ न दें, अगर आप भी लंबे समय से नया और बॉलीवुड से अच्छा एक्शन और लार्जन देन लाइफ बिना सलमान के देखना चाहते है तो KGF chapter 2 बिलकुल देखी जा सकती है

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