
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर/भिंड। करीब दो महीने पहले भिंड में जहरीली शराब कांड से हुई मौतों का मामला अब भले ही ठंडा पड गया हो, लेकिन शराब के जहर का असर खाकी वाले महकमे में अभी भी बाकि है ये जहर एक दूसरे को डसने के लिए और तेज किया जा रहा है।
दरअसल शराबकांड वाले मामले में थ्री स्टार वाले पंडित जी और जिले के खाकी वाले मुखिया के बीच तलवारें खिंची हुई है। मुरैना के रहने वाले थ्री स्टार वाले पंडित जी कोतवाल हुआ करते थे इसी दौरान जहरीली शराब वाला कांड क्या हुआ, कप्तान साहब ने आव देखा न ताव…..पंडित जी को लापरवाही के आरोप का टीका लगाया और मुअत्तल कर दिया, हांलाकि एक और थाने से थ्री स्टार वाले ठाकुर साब मुअत्तल(सस्पेंड) हुए थे। लेकिन पंडित जी ने दिल पे ले लिया।
पहले तो पंडित जी मानने को ही तैयार नही थे कि शराबकांड वाला क्षेत्र उनकी हद में था इस चक्कर में कोतवाली और देहात थानों की सीमा की नापजोख तक हो गई, पंडित जी ने पूरी दम दिखाई , सफाई दी, नियम गिनवाए…लेकिन कप्तान का मन नही पसीजा, और तय हुआ कि जाएंगे तो पंडित जी ही। खाकी महकमे के लोग जानते है कि इनिसपेक्टर पंडित जी कड.क बोलते है और कभी कभी तो ज्यादा ही बोलते है सो बोलकर गए, कि मैं तो गया लेकिन अब रहने भी नही दूंगा।
चूंकि पंडितजी ने कप्तानी आदेश को दिल पर ले लिया, सो दिल से ही कप्तान की गिल्लियां उडाने की व्यवस्था में जुट गए। अगले 10 दिन पंडित जी ने अपने ही कप्तान के खिलाफ लगातार बॉलिंग, बेटिंग, फिल्डिंग सब किया। और इस शिद्दत के साथ किया, कि कप्तान साहब भी टेंशन में आ गए थे लेकिन पूर्व कोतवाल साब फिलहाल कर कुछ नही पाए, लेकिन कप्तान साब के एकसूत्रीय टारगेट पर जरूर आ गए है। जिसकी शुरूआत प्राथमिक जांच से हुई और सूत्र बताते है कि जैसे जैसे विभागीय जांच और अन्य प्रक्रियाएँ होंगी, पंडित जी घिरते जाएँगे, ऐसा मन बनाने के लिए बडे साब को पंडित जी ने ही मजबूर कर दिया है। थ्री स्टार वाले पंडित जी अभी लाईन में ही जमा है।