100 करोड़ की 45 बीघा जमीन सरकारी घोषित, कलेक्टर कोर्ट से जारी हुआ निर्णय

कलेक्टर ने दिनारपुर की 45 बीघा भूमि शासकीय घोषित की
जमीन की अनुमानित लागत लगभग 100 करोड़ रूपए
कलेक्टर न्यायालय से जारी हुआ निर्णय

ग्वालियर 19 जनवरी 2021/ दिनारपुर तहसील मुरार की 45 बीघा भूमि को कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सरकारी घोषित कर दिया है। उक्त भूमि का बाजार मूल्य लगभग 100 करोड़ रूपए है। 75 साल बाद जिला न्यायालय से भूमि को शासकीय घोषित करने का आदेश पारित हुआ है। भूमि को शासकीय घोषित करने के साथ ही भूमि पर प्रशासन द्वारा आधिपत्य भी प्राप्त कर लिया गया है।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने मंगलवार को अपने न्यायालय से दोपहर 12.38 बजे आदेश पारित करते हुए दिनारपुर की सर्वे क्रमांक-376 लगाकर 411 तक की कुल भूमि 45 बीघा 10 बिस्वा को शासकीय घोषित करने के आदेश पारित किए हैं। उक्त प्रकरण में आवेदक श्री नौमी सिंह पुत्र सुरजन सिंह ने भूमि को अपना बताकर भू-अर्जन का मुआवजा न मिलने और भूमि पर खुद का ही कब्जा बताने का आवेदन वर्ष 2017 में लगाया था।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अपने आदेश में बताया है कि 75 वर्ष पूर्व 1945 में भूमि को उद्योग विभाग के लिये आरक्षित किया गया था। उद्योग विभाग द्वारा उक्त भूमि का कब्जा नहीं लिया गया और न ही कोई भू-अर्जन की राशि प्रदान की थी। आवेदक ने भू-अर्जन की राशि की माँग करने के साथ ही भूमि पर स्वयं का कब्जा बताकर जमीन वापस करने का आवेदन किया। आवेदक द्वारा हाईकोर्ट से भी अपने पक्ष में निर्णय करा लिया था। शासन द्वारा उक्त प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण लगाया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवेदक का भूमि पर (टाइटल) अधिकार न पाए जाने के फलस्वरूप प्रकरण निरस्त करने के आदेश पारित कर दिए।
भू-अर्जन शाखा द्वारा प्रकरण में शासन से मार्गदर्शन भी चाहा गया। शासन द्वारा भी न्यायालयीन आदेशों का पालन करने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्रमांक-3050/2015 दिनांक 24 मार्च में आवेदक का जमीन पर अधिकार होने से ही इनकार करने के आदेश पारित किए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन में कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अपने न्यायालय से उक्त भूमि को शासकीय घोषित करने के आदेश पारित किए। साथ ही संबंधित तहसीलदार को शासन हित में भूमि का कब्जा लेने के आदेश भी दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने अपने आदेश में उक्त जमीन खुर्द-बुर्द न हो, इसके लिये वर्तमान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुरार एवं तहसीलदार की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय की है।

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