रामकृष्ण मिशन के सचिव के साथ ढाई करोड़ की ऑनलाइन ठगी करने वाले 10 आरोपी लखनऊ से गिरफ्तार

उक्त प्रकरण में पुलिस ने 09 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।
🔴 पकड़े गये आरोपीगण अपने नाम पर बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्तियों को सेविंग अकाउंट पर 30 हजार रुपये व करंट अकाउंट पर 01 लाख रुपये देते थे।

ग्‍वालियर16मई2025। कुछ दिनों पूर्व रामकृष्ण मिशन के सचिव महाराज स्वामी स्वप्रदीप्तानंद के साथ डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ढाई करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। उक्त प्रकरण में सायबर क्राइम विंग ग्वालियर ने कार्यवाही करते हुये पूर्व में अलग-अलग राज्यों से 09 आरोपियों को पूर्व में गिरफ़्तार किया जा चुका है।

उक्त ठगी को गंभीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह,भापुसे द्वारा अति0 पुलिस अधीक्षक (पूर्व/अपराध/यातायात) श्री कृष्ण लालचंदानी,भापुसे को क्राइम ब्रांच ग्वालियर की सायबर क्राइम विंग से उक्त सायबर फ्रॉड में सम्मलित सभी आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कर उन्हे पकड़ने हेतु निर्देशित किया गया।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशो के परिपालन में डीएसपी अपराध श्री नागेन्द्र सिंह सिकरवार के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच निरीक्षक अमित शर्मा के द्वारा सायबर क्राइम प्रभारी निरी0 धर्मेन्द्र कुशवाह के नेतृत्व में सायबर क्राइम विंग की टीम को उक्त सायबर फ्रॉड में सम्मलित आरोपियों की पतारसी कर उन्हे पकड़ने हेतु लगाया गया।

दौराने विवेचना पुलिस टीम को ज्ञात हुआ कि फ़रियादी को डरा धमकाकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 30 लाख रुपये रुद्राक्ष एंटरप्राइज में स्थानातंरित कराये गये है। जिस पर से साइबर क्राइम की एक टीम को उक्त फर्म की जानकारी के लिए लखनऊ रवाना किया गया। पुलिस टीम जब लखनऊ पहॅुची तो ज्ञात हुआ कि उक्त फर्म बंद हो चुकी है। जिस पते पर फर्म रजिस्टर्ड थी अब वहां कोई फर्म नहीं है। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी जानकारी एकत्रित कर बैंक के रिकवरी एजेंट बनकर अलग-अलग जगहों पर दो टीमें डिवाइड की गई जिसमें से एक टीम निरीक्षक धर्मेंद्र कुशवाह व दूसरी टीम उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह राजपूत के नेतृत्व में लगाया गया।

उक्त दोनों टीमों द्वारा 03 दिनों तक उक्त फर्म के प्रॉपराइटर को तलाश किया गया। तलाशी के दौरान पुलिस टीमों द्वारा प्रॉपराइटर को लुखनऊ से अभिरक्षा में लिया गया। उक्त प्रॉपराइटर ने पूछताछ में अपना बैंक खाता 01 लाख रुपए में लखनऊ निवासी एक व्यक्ति को बेचना बताया। उक्त प्रॉपराइटर की निशादेही पर बैंक खाता खरीदने वाले लखनऊ निवासी व्यक्ति को हिरासत में लिया गया।

पकड़े गये लखनऊ निवासी व्यक्ति की निशादेही पर पुलिस टीम द्वारा उसके अन्य साथीयाें को हिरासत में लेकर ग्वालियर लाया गया। पकड़े गये आरोपीयों ने पूछताछ में बताया कि वह व्हाट्सऐप पर एक व्यक्ति को खाता बेचने व फ्रॉड की राशि निकालकर उसे यूएसडीटी में कन्वर्ट करके देश से बाहर भेजने का कार्य करते हैं। पुलिस टीम ने पकड़े गये आरोपीयों के पास से फ़र्जी बैंक खाता को ऑपरेट करने वाले मोबाइल सहित कुल 15 मोबाइल, एक लेपटॉप, बैंक पासबुक व चेक बुक ज़ब्त की गई है।

उक्त प्रकरण में अभी तक कुल 19 आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। उक्त प्रकरण में पकड़े गये आरोपीगणों से पूछताछ जारी है। पकड़े गये आरोपीगणों से पूछताछ में ज्ञात हुआ है कि वह ऐसे लोगाें को तलाश करते थे जो फर्जी बैंक खाता अपने नाम पर खुलवाकर उनको दे सके। इसके लिये आरोपी बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्तियों को सेविंग अकाउंट पर 30 हज़ार रुपए व करंट अकाउंट पर 01 लाख रुपए देते थे।

पकड़े गये सभी आरोपीयो द्वारा कई लोगों के बैंक खातों का उपयोग साइबर फ्रॉड में किया जा चुका है। पुलिस टीम द्वारा उक्त आरोपीगणों को न्यायालय में पेश कर उक्त प्रकरण में विस्तृत पूछताछ हेतु पीआर लिया जायेगा।

जप्त मशरूकाः- 15 मोबाइल, एक लेपटॉप, बैंक पासबुक व चेक बुक किये जप्त।

सरहानीय भूमिका:- थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच निरी0 अमित शर्मा, सायबर क्राइम प्रभारी निरी0 धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह, निरी0 रामबिहारी शर्मा, उनि0 हरेन्द्र सिंह राजपूत, उनि0 धर्मेन्द्र शर्मा, उनि0 रवि लोधी, उनि0 कीर्ति अजमेरिया, उनि0 रजनी रघुवंशी, प्र.आर0 सुनील शर्मा, प्र.आर0 सतेंद्र राजावत, प्र.आर0 सुरेंद्र तोमर, आर0 ओमशंकर सोनी, गौरव भदौरिया, सुमित भदौरिया, शिवशंकर शर्मा, श्यामू मिश्रा, अनुराग यादव, नवीन पराशर, आकाश पांडे, म.आर0 सुनीता कुशवाह, मेघा श्रीवास्तव, साधना मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही।

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